ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर दुनियाभर में तमाम तरह के कार्यक्रम चलाये जाते हैं. बावजूद इसके वायु प्रदूषण 21वीं सदी की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है. आज दुनिया का हर देश इस समस्या से जूझ रहा है और भारत तो इसमें टॉप पर है. गन्दगी फ़ैलाने के मामले में हम लोगों ने तो पीएचडी की हुई है. घर हो या फिर कोई पब्लिक प्लेस, कहीं भी कभी भी प्लास्टिक कचरा जैसे रैपर, बोतल, पॉलिथीन आदि फेंकना हम भारतियों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है.
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक दिल दहला देने वाली तस्वीर वायरल हो रही है. इस भयानक तस्वीर में दिख रहा है कि किस तरह हिमालय की ऊंची चोटियां भी अब प्लास्टिक से भरी पड़ी हुई हैं. पब्लिक प्लेस तो दूर की बात हम लोगों ने तो हिमालय की ख़ूबसूरत वादियों को भी नहीं छोड़ा. अगर यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हमें सांस लेने के लिए शुद्ध ऑक्सीजन मिलना भी मुश्किल हो जायेगा.
माफ़ कीजियेगा ये कोई बर्फ़ की नदी नहीं, बल्कि हिमालय पर फैलाये गए प्लास्टिक और कचरे की नदी है.
It hardly rained in Himalayas and outcome is this. Who to blame us or them ? This is Ashwani khad and water supply source of Shimla & Solan. Very close to it is Solan cities solid waste dumpyard ( salogra) @RandeepHooda @jairamthakurbjp @ErikSolheim @deespeak @AUThackeray pic.twitter.com/FSZ3TJi2mB
— healing himalayas (@healinghimalaya) July 15, 2018
लोगों ने हिमालय को अपनी मौज़ मस्ती का अड्डा तो बनाया ही है साथ ही उसकी ख़ूबसूरती को बर्बाद करने की कसम भी खा ली है.
टूरिज़्म और ट्रैकिंग के नाम पर सरकार ने लोगों को हिमालय की ख़ूबसूरत वादियों को दूषित करने का निमंत्रण दिया है.
आख़िर हम लोग कब सुधरेंगे, तब जब सरकार पहाड़ों और हिमालय पर जाने पर प्रतिबंध लगा देगी ?
The maximum waste generated is from plastic bottles and polybags. The Himachal Pradesh and Utaarakhand Government should immediately ban these two and highlight the use of clay bottle. pic.twitter.com/bt6yf1hkKL
— Vivek Shukla (@viksmumbai) July 15, 2018
क्या इस भयानक तस्वीर को देखने के बाद सरकार आंख-कान खोलने को तैयार होगी?
Just horrible! A river of trash, plastic waste .. as the rain washes down the garbage! In Mumbai the ocean throwing back the trash and in Himachal this! #plasticwaste https://t.co/JVZwfo2pMK
— Gargi Rawat (@GargiRawat) July 17, 2018
Himachal has zero compliance of Solid Waste Management rules 2016. Also, we have to make the hard choice between ‘development’ and sustainable living. ‘sustainable development’ is a false solution. There is no such thing.
— Manshi Asher (@ManshiAsher) July 15, 2018
We humans have to blame for this calendar who lost basic common sense. I strongly feel Animals are better civilized than humans, we r destryoying the nature with our own hands. I feel humans dont deserve to live on this planet at all
— Kiran Kumar (@akiran123) July 17, 2018
This is what excessive irresponsible, un restricted tourism has done to Himalayas. Time for #ResponsibleTourism #SayNotoPlastics @iluvagra #ILuvAgra
— Srishtisewaks (@srishtisewaks) July 16, 2018
It hardly rained in Himalayas and outcome is this. Who to blame us or them ? This is Ashwani khad and water supply source of Shimla & Solan. Very close to it is Solan cities solid waste dumpyard ( salogra) @RandeepHooda @jairamthakurbjp @ErikSolheim @deespeak @AUThackeray pic.twitter.com/FSZ3TJi2mB
— healing himalayas (@healinghimalaya) July 15, 2018
सरकार जब करेगी तब करेगी, उससे पहले हम लोगों को ये तय करना होगा कि न ख़ुद कूड़ा फैलाएं न ही किसी और को फैलाने दें.