कहते हैं कि एक तस्वीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है, वहीं अगर ये तस्वीर अपने अंदर सामाजिक मायनो या समस्याओं के इर्द-गिर्द घूम रही हो तो और अधिक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली बन जाती है. तस्वीरों से जुड़ी यही बात इलस्ट्रेशन्स पर भी लागू होती है. ये कहना ग़लत नहीं होगा कि एक व्यक्ति किसी तस्वीर को देखकर जो सोचता और समझता है, वही एहसास उसे एक इलस्ट्रेशन्स देखकर भी होता है या हो सकता है.

ऐसा ही एहसास हुआ लोगों को जब उन्होंने एक जापानी आर्टिस्ट, Avogado6 द्वारा बनाये गए इलस्ट्रेशन्स को देखा। ये आर्टिस्ट, जो एक इलस्ट्रेटर और वीडियो एडिटर है, ने अपने बारे में या अपनी ज़िन्दगी के बारे में लोगों से या सोशल मीडिया पर ज़्यादा जानकारी शेयर नहीं की. इस आर्टिस्ट ने ट्विटर पर लिखा है, ‘मैं एक साधारण सा व्यक्ति हूं, जो कैमेस्ट्री विषय को बहुत पसंद करता है.’ मगर इस कलाकार के इलस्ट्रेशन्स सामान्य जिंदगी से बहुत दूर हैं.

Avogado6 ने कई भावनात्मक और ज्वलंत इमेजेज़ में ज़िन्दगी और ज़िन्दगी से जुड़ी तमाम एहसासों और भावनाओं को उकेरा है. और सही कहा जाए तो इन इलस्ट्रेशन्स को शब्दों में बयां करना आसान नहीं है. अपनी दो बुक्स पब्लिश कर चुके इस आर्टिस्ट के ट्विटर पर 650k से ज़्यादा फ़ॉलोवर्स हैं.

तो चलिए अब देखते हैं कि क्या कहते हैं Avogado6 द्वारा बनाये गए ये इलस्ट्रेशन्स:

1. जब तक थक के गिर ना जाओ भागते रहो

2. जानवर भी प्यार के भूखे होते हैं

3. दुनियादारी में बच्चों से दूर हो रहे हैं पेरेंट्स

4. पल-पल घटती ज़िन्दगी

5. लोगों की विचार धारा का तनाव

6. नशे में कैद ज़िन्दगी

7. आदत कोई भी बुरी हो सकती है

8. दूर होते रिश्ते

9. निःशब्द

10. ग्लोबलवॉर्मिंग का नतीजा यही होगा

11. दवाब, तनाव और अशांति

12. बंधन या आज़ादी

13. कंप्यूटर बनता इंसान का दिमाग़

14. काम का बोझ

15. छिनती खूबसूरती

16. सुकून के चार पल

17. जब रहा न कोई चारा

18. ज़िन्दगी के मायने ही बदल चुके हैं

19. ऊर्जा ही है शायद

20. नशा ही नशा

21. इसके लिए कुछ आप ही बता दीजिये

22. एकतरफ़ा प्यार

23. चल उड़ जा तू

24. तड़पती ज़िन्दगी

25. दवाइयों पर टिके ज़िन्दगी के दो पल

26. इंसाफ के लिए जन सैलाब

27. मासूम बचपन

28. एक मैं और एक तू

29. ज़िन्दगी भी डिस्काउंट पर मिलेगी

30. नशे की ज़िन्दगी

31. पेरेंट्स की जगह लेते खिलौने

32. वर्चुअल फ़्रेंड्ज़

33. प्यार, इश्क़ और मोहब्बत

34. ख़ून के आंसूं

35. उम्मीदें, आशाएं और आकांक्षाएं

36. पज़ल बनती ज़िन्दगी

37. बाल यौन शोषण

38. उदास आंखें और मुस्कुराते होंठ

39. टूटा दिल

40. आर्टिफ़िशियल धड़कन

41. सोशल मीडिया का जाल

42. आर्टिफ़िशियल ज़िन्दगी

43. इलेक्ट्रॉनिक जाल में फंसी ज़िन्दगी

44. समय की मार

45. लोकप्रियता का मुखौटा

46. बेहद उम्दा

47. ज़िन्दगी का पौधा

48. सेल्फ़ी का बुखार

49. इंसानों से दूर होते, पर जानवरों में प्यार ढूंढते लोग

50. इंसान की ज़िन्दगी की कोई कीमत ही नहीं रही

समाज की इन समस्याओं को हम किस कदर नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, इसी को बयां कर रहे हैं ये सभी इलस्ट्रेशन. अगर आपको पसंद आएं हैं ये इलस्ट्रेशन्स बताइयेगा ज़रूर.