कोरोना वायरस को हरा कर घर वापस आना यूं तो बहुत बड़ी उपलब्धि है. मगर इसके चलते कई लोगों को तरह-तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. चेन्नई में रहने वाली 50 वर्षीय राधा अम्मा के साथ भी ऐसा ही हुआ. वो कोरोना संक्रमित होने से पहले हाउस हेल्प का काम करती थीं. मगर कोरोना से जंग जीतने के बाद जब वो काम पर वापस गईं तो उन्हें उनके मालिक ने काम पर रखने से मना कर दिया.

संकट की इस घड़ी में चेन्नई पुलिस के अधिकारी ने उनकी मदद की. उन्होंने अपनी ड्यूटी से आगे बढ़कर राधे अम्मा को काम दिलाने में मदद की है. Indian Police Association ने इस पुलिस ऑफ़िसर की स्टोरी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है.

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राधा अम्मा चेन्नई के के.के. नगर की रहने वाली हैं. कोरोना वायरस से संक्रमित होने और उससे ठीक होने के बाद जिस कॉम्प्लेक्स में वो काम करती थीं, उन्होंने उसे कोरोना के डर की वजह से काम पर दोबारा नहीं रखा. उन लोगों को लगता था कि कहीं दोबारा ये संक्रमित हो गई तो उन्हें भी ये संक्रमण हो सकता है.

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इसकी वजह से वो 3 महीने तक बेरोज़गार रहीं. उनका कोई परिवार नहीं है और ख़ुद कमाकर ही वो अपना पेट पालती हैं. इस बात की जानकारी इलाके के डीएसपी हरि किरण को पता चली. उन्होंने राधा अम्मा से मिल कर उन्हें आर्थिक सहायता देने की बात कही. लेकिन अम्मा ने पैसे लेने से मना कर दिया और कोई काम वापस दिलाने की गुज़ारिश की. 

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तब हरि किरण साहब ने उन सभी लोगों से बात की जहां वो काम करती थीं और उन्हें काम पर रखने को कहा. लेकिन तब तक उनके मालिक ने किसी और को उनकी जगह काम पर रख लिया था. पर उन्होंने जल्द ही उन्हें किसी और काम के लिए बुलाने का आश्वासन दिया. कुछ दिनों बाद उन्होंंने राधा अम्मा को हाउस हेल्प के तौर पर एक दूसरे घर में काम दिलवा दिया.

ये सब हरि किरण साहब के प्रयासों से हो पाया. अब राधा अम्मा काम पर जा रही हैं. वो पुलिस की इस दरियादिली से बहुत ख़ुश हैं और उन्होंने हरि किरण और उनकी टीम को दिल से धन्यवाद दिया है. सोशल मीडिया पर भी लोग पुलिस की इस दरियादिली की तारीफ़ कर रहे हैं. आप भी देखिए: 

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