शक्ति का दौर हर समय में रहा है. कहीं विचारों को जकड़ा गया है तो कहीं इंसानों को कैद कर उन पर बर्बरता की गई और ज़ुल्म ढाये गये. शक्ति से तानाशाही आती है. क्रांति आने के बाद तानाशाही का वजूद ज़्यादा समय तक टिक नहीं पाता. क्रांति लोगों की आवाज़ों में होती है, जब लोग सवालों से कतरा कर उन सवालों को सवाल ही रहने देते हैं और जो आवाज़ उन सवालों के जवाब देती है, वो क्रांति की जनक बन जाती है. उस आवाज़ में बहुत सारे सवालात भी मौजूद होते हैं. मसलन एक मसौदा होता है उसमें.
दुनियाभर के शक्तिशाली शासकों के बारे में थोड़ा-शोड़ा आप सब जानते होंगे. पर उनका जीवन किस दौर से गुजरा है, ये जानना ज़रूरी है. उन्हें भी कभी ना कभी तिरस्कार का सामना करना पड़ा था.
1. Bayezid I
ये ओटोमन सम्राज्य के शासक थे. इनकी फौज इन्हें Thunderbolt के नाम से जानती थी. Anatolia में इनके शासन से एक तरह की एकता बरकरार थी. Mehmed और सुलैमान जैसे शासकों के बाद गर किसी शासक का नाम याद रखा जाता है, तो वो Bayezid I ही हैं. एक लंबे समय शासक करने के बाद मंगोलियन साम्राज्य से जुड़े तैमूर शासकों और ओटोमन साम्राज्य के कुछ लोगों ने मिलकर इनके खिलाफ़ साजिश की. इसी साजिश के तहत Bayezid I अनकारा के युद्ध में हार गये और उन्हें बंधी बना लिया गया. फिर उनसे उनकी हार पर साइन करवा लिये गये और इस तरह से ये शक्तिशाली शासक लज्जाजनक मौत मर गया.
2. Richard III
Richard III इंग्लैंड के राजा थे. स्कॉटलैंड से हुए युद्ध में जीत दर्ज करने के बाद रिचर्ड ने अपने देश के भूतपूर्व राजा के दोनों बच्चों को भी मौत के घाट उतार दिया था. यहां अभी ताज इनके सर आया ही था कि टकराव की स्थिति खड़ी हो गई. इसके बाद Battle of Bosworth Field में इन्होंने अपना ताज खो दिया. इस युद्ध में ये लगभग अधमरी हालत में ही हो गये थे. इसके बाद जिन्होंने इनको कैद किया था. इनके निजी अंगों में उन्होंने तलवार घूसा दी. तमाम जनता के सामने इन्हें बुरी तरह से पीटा गया, अत्याचार किये गये. फिर इन्हें तड़पते-तड़पते ही जला दिया गया.
3. Henry IV
11वीं शताब्दी के दौरान Henry IV पूरो यूरोप की सबसे शक्तिशाली और सम्मानजनक शख़्स थे. इनका Pope Gregory VII से एक वैचारिक मतभेद था, जो धीरे-धीरे गहराता गया. बाद में Henry ने Pope की सारी मांगों को और उनके सारी बातों को निराधार बताना शुरु कर दिया एवं मानने से इंकार कर दिया. धीरे-धीरे Henry को अहसास हुआ कि वो सब गलत कर रहा है. एक दिन 450 मील का सफ़र तय करके Henry उनसे मिलने गया. जब वो वहां पहुंचा तो तीन दिन और तीन रातों तक उसे अंदर नहीं आने दिया गया. वो बाहर दरवाजे पर खड़ा सर्दी झेलता रहा. जब Pope ने उसे अंदर आने दिया तो उसने उनके पैरों को चूम कर अपनी गलती की माफ़ी मांगी. इतने बड़े शासक के लिए ऐसा करना उस समय बहुत बड़ी बात हुआ करती थी.
4. मुअम्मर अल-गद्दाफ़ी
42 सालों तक अपने देश की जनता पर राज करने वाले गद्दाफ़ी का अंत समय बहुत बुरा था. लीबिया सिविल वॉर के बाद से गद्दाफ़ी की गद्दी खतरे में आ गई थी. अंतराष्ट्रीय मंच से उसकी आलोचना होने लगी थी. उसके अपने लोगों ने ही उसके खिलाफ़ बंदूकें उठा ली थीं. गद्दाफ़ी को जब पकड़ा गया था, तो लोगों ने उस पर थूका था, उसके जख़्मों को कुरेदा था. इतना करने के बाद उसे भीड़ के हवाले कर दिया गया. आक्रोशित भीड़ ने उसे बेइंतिहा दर्द दिया और फिर एक शख़्स ने गोली मार दी.
5. Valerian
रोमन सम्राज्य में इन्हें सबसे महान एवं शक्तिशाली शासकों की फेहरिस्त में रखा जाता है. इनका Persians के साथ युद्ध था, लेकिन युद्ध के ठीक पहले रोमन साम्राज्य की सेना पर प्लेग जैसी खतरनाक बीमारी ने हमला कर दिया. इसके बाद उन्होंने Persians के सामने समर्पण कर दिया. Valerian से Persians ने कहा था कि उनको राजा की तरह सम्मान दिया जायेगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और उन्हें बंधी बना लिया गया. उनका जीवन तिरस्कार से भरा हुआ था. उन पर कई तरह के अत्याचार हुए. मरने के बाद भी इनके मृत शरीर को एक मंदिर में इसीलिए रखा गया, ताकि दिखाया जा सके कि इन पर कितने अत्याचार किए गये हैं.
6. Al-Musta’sim
मंगोल में कई धारणाओं का पालन किया जाता है. वो ख़ून करने को गलत मानते हैं. इसका ये मतलब कतई नहीं है कि वो अपने शत्रुओं को नहीं मारते. Al-Musta’sim बगदाद के खलीफ़ा थे. खलीफ़ा उस दौर में एक शासक का ही काम करते थे. मंगोलों ने उन्हें धमकी दी थी. खलीफ़ा ने उनकी बात नहीं मानी. उन्होंने आक्रमण कर दिया. खलीफ़ा को कारपेट में बांध कर मार दिया गया. दुनिया में तमाम खलीफ़ा हुए, लेकिन इनकी मौत सबसे अलग थी.
7. बेनिटो मुसोलिनी
फासिस्ट तानाशाह मुसोलिनी की तानाशाही के चर्चे अखबारों से लेकर लोगों की यादों तक में आपको सुनने को मिल जायेंगे. फासीवाद की नींव इसी शख़्स ने रखी थी. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान 28 अप्रैल 1945 को मुसोलिनी और उसके लीडर्स को पकड़ लिया गया. गोली मार कर इनकी हत्या कर दी गई. इसके बाद इसका शरीर मिलान लाया गया. वहां इसके पार्थिव शरीर को रखा गया, लोगों ने इसके शरीर पर पेशाब किया. इसके मृत शरीर को भी इसकी बर्बरता का अहसास शायद हो गया होगा.
8. Romanos IV Diogenes
Byzantine Empire के शासक Romanos ही थे. तुर्की के साथ हुए युद्ध को लेकर पहले कयास ये लगाया जा रहा था कि Byzantine की सेना मजबूत है और इसके कारण जीत इनकी होगी. पर कुछ गद्दारों ने गेम बदल दी. ये हार गये थे. इन्होंने समर्पण कर दिया. Romanos को सुल्तान के पास ले जाया गया. फिर उनसे ज़मीन को चाटने के लिए कहा गया. फिर इन्हें घर भेज दिया गया. फिर इनके अपनों ने इन पर अत्याचार किए. तमाम ज़ख्मों के साथ इन्हें एक द्वीप पर छोड़ दिया गया. जहां इंफेक्शन से इनकी हालत बुरी हो गई और ये अंधे हो गये. इसके बाद इनकी मृत्यु हो गई.
9. Maximilien Robespierre
फ्रांस में हुई क्रांति के बाद इनका दौर शुरु हुआ था. राजनीति की पुर्नव्याख्या करने का काम शुरु हो चुका था. धीरे-धीरे इनकी छवि एक तानाशाह की तरह बनती जा रही थी. विपक्ष के नेताओं ने साजिश करनी शुरु की और 1794 में इनको कैद कर लिया गया. इन्होंने उस समय आत्महत्या करने की कोशिश की. अपने आप को गोली मारने के चक्कर में इनका जबड़ा टूट गया. इनका इलाज ना करवाकर लोग इन्हें तंग करने में लगे हुए थे. इन पर ताने कसे जा रहे थे. जब तक डॉक्टर आये, तब तक इनका जबड़ा ज़मीन पर गिर गया था. ये बुरी तरह से तड़प रहे थे.
10. Charles VII
ये फ्रांस के शासक थे. 38 सालों तक इन्होंने राज किया. साल 1458 में ये बीमार पड़ गये. इनके वंशकों ने इनका ध्यान रखना बंद दिया. इनके पैर पर एक ज़ख्म हो गया था, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल गया. 22 जून 1461 को इनकी मौत भूख के कारण हुई.
मौत तो एक सच्चाई है लेकिन इन शासकों की मौत से कुछ ना कुछ सबक तो लिया जा सकता है. हालांकि मौत कुछ सिखाने नहीं आती, बस आती है.