बस हौसलों में जान होनी चाहिए, मंज़िलें तो ख़ुद-ब-ख़ुद मिल जाती हैं. कुछ साल पहले ऐसी एक उड़ान महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले नवनाथ येवले ने भी भरी थी. चाय बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले नवनाथ आज हर महीने 12 लाख रुपये कमाते हैं. हर महीने 12 लाख तो एक आईटी प्रोफेशनल भी नहीं कमा पता है.

साल 2011 में शरू हुआ ये स्टॉल आज येवले टी हाउस के नाम से मशहूर है. ये टी सेंटर आज पुणे के लोगों की जान है. ठन्डे का मौसम हो, या फिर गर्मी का पुणे के लोगों की चाय की तड़प यहीं आकर ख़त्म होती है. सुबह से शाम यहां लोगों की भीड़ देखी जा सकती है. पुणे में उनके चाय के 2 सेंटर हैं, प्रत्येक सेंटर पर 10 से 12 लोग काम करते हैं. येवले अमृततुल्य के नाम से मशहूर इस टी हाउस के कुल 5 मालिक हैं, उनमे से नवनाथ येवले भी एक हैं.

कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, इंसान की सोच छोटी या बड़ी होती है. इसी छोटी सोच से बाहर निकलकर अगर हम कुछ अलग करने की सोचेंगे तो हम भी एक दिन प्रधानमंत्री या फिर नवनाथ येवले जैसा सफल इंसान बन सकते हैं. नवनाथ की इस सोच से कई लोग ये सीख सकते हैं कि चाय बेचना भी आपको हर महीने लाखों कमा के दे सकता है.

येवले टी हाउस के Co-Founder नवनाथ येवले ने बताया कि ‘हमने साल 2011 में ये काम शुरू किया था. 4 साल स्टडी करने के बाद हमने चाय की एक फ़ाइनल क्वालिटी तय की. 2 सेंटर से साल का हम 10 से 12 लाख रुपए कमा लेते हैं. एक सेंटर पर एक दिन में 3 से 4 हज़ार चाय बेच लेते हैं. हम जल्द ही तकरीबन 100 सेंटर खोलकर इसे इंटरनेशनल ब्रांड बनाने जा रहे हैं. हमने चाय बेचकर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देने का सोच रखा है. मैं ख़ुश हूं कि हमारा ये काम लगातार बढ़ता ही जा रहा है.’