अगर विश पूरी करने वाली कोई मशीन होती तो हर इंसान सबसे पहले अपना बचपन वापस मांगता. वही बचपन जिसे हम आज भी याद करते हैं. नब्बे का वो दौर जिसे शायद ही कोई भूलना चाहेगा. वो दौर भी क्या दौर था जब हमारे पास खेलने-कूदने के लिमिटेड साधन होने के बावजूद हम सुबह से लेकर शाम तक खेलते ही रहते थे. आज के दौर के बच्चों ने तो खेलना कूदना ही छोड़ दिया है. आजकल के बच्चों के लिए भागदौड़ वाली ज़िन्दगी तो है ही नहीं. जिसे देखो मोबाइल, लैपटॉप या फिर किसी इंडोर प्ले स्टेशन में ही खेलने में लगे रहते हैं. लेकिन हमारा बचपन इससे बिलकुल अलग था. बचपन की कई सारी ऐसी चीज़ें हैं, जिन्हें हम आज भी याद करते हैं. उन्हीं यादों में से एक हैं ट्रम्प कार्ड या प्ले कार्ड.
आज भी हमें वो ट्रम्प कार्ड कहीं दिख जायें, तो हम झट से खेलना शुरू कर देते हैं. आप भी देखिये उन्हीं ट्रम्प कार्डों की एक झलक-