धरती कैसे अस्तित्व में आई, इस सवाल ने दुनिया के लाखों वैज्ञानिकों को परेशान कर रखा है. सालों से इस सवाल के जवाब के लिए रिसर्च चल रही है. बीते दिनों हुई रिसर्च में पाया गया कि 4.4 बिलियन साल पहले धरती चपटी थी और पूरी तरह से पानी से ढकी हुई थी. उस वक़्त धरती पर कुछ ही द्वीप थे.

ये रिसर्च The Australian National University के रिसर्चर, Dr Antony Burnham की देख-रेख में हुई थी. डॉक्टर ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में पाई गई दुनिया की सबसे पुरानी चट्टानों में पाए गए Zircon Mineral के कणों की जांच कर के ये बताया. ये रिपोर्ट Nature Geoscience जर्नल में छपी है.
उन्होंने कहा कि-
धरती का इतिहास उस किताब की तरह है, जिसके शुरुअती पन्ने पूरी तरह से खराब हो चुके हैं. धरती के शुरुआती काल का कोई पत्थर मौजूद नहीं है. लेकिन हम Zircon से कुछ पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.हमारी रिसर्च ये इशारा करती है कि करीब 700 मिलियन साल पहले महाद्वीपों और पहाड़ों में कोई टकराव नहीं हुआ था. ये भी पाया गया है कि Zircon और जिस तरह की चट्टानें बीते 1.5 बिलियन सालों से अस्तित्व में आई हैं, इनमें काफ़ी कछ एक जैसा है. हमें आज जैसी धरती दिख रही है, इसे ऐसा बनने में करोड़ों साल लग गए. फॉरेंसिक जांच में ये भी पाया गया कि Zircon, Sediments यानि तलछट से नहीं, बल्कि Igneous चट्टानों यानि लावा से बनी चट्टान के पिघलने से बनी है.

जब दो महाद्वीपों में टकराव होता है तभी Sediment पिघलते हैं, जैसे हिमालय, जिससे ये प्रतीत होता है कि ये टकराव इन हज़ारों सालों में नहीं हुए.
Zircon के कण Jack Hills की मिट्टी की चट्टानों में सालों से संरक्षित हैं. ये तब के हैं जब धरती 160 मिलियन साल पुरानी थी. ये रिसर्च ‘Cool Early Earth’ थ्योरी में फिट बैठती है, जो कहती है धरती का शुरुआती दौर बहुत अच्छा था, लेकिन बाद में बहुत विनाशक स्थिती देखी है.

रिसर्च के अनुसार करीब 3.8 से 4.1 बिलियन साल पहले धूमकेतु और एस्टिरॉइड्स में हुए टकराव के बाद धरती पर जीवाणु जीवन की शुरुआत हुई.