अगर आपको हर बात बच्चों का खेल लगती है, तो आप बहुत योग्य हैं या फिर बिलकुल नहीं. लेकिन 12 साल के Sabari Venkat जिस राह पर हैं, वो तो बच्चों की राह है ही नहीं. ऐसा अभी तक हम सब सोचते होंगे. लेकिन इस मासूम ने हमारी जैसी सोच वाले लोगों को गलत साबित किया है.

Sabari Venkat जब तीन साल के थे, तब उनकी दोनों आंखों के रेटिना खराब हो गए और उनकी देखने की शक्ति चली गई. Sabari Venkat बचपन से ही सुन नहीं सकते थे. इसके बाद उसके घरवालों को लगा कि पता नहीं इस मासूम का क्या होगा. लेकिन Sabari Venkat की कला देखने और सुनने से कहीं ऊपर थी.

आज Sabari Venkat 12 साल के हैं, लेकिन इस उम्र में कई बड़े लोगों के ये गुरु बने हुए हैं. 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले Sabari Venkat लोगों को मोटिवेशनल स्पीच देते हैं, जिसे सुनने के लिए न सिर्फ़ आम लोग, बल्कि कई बड़ी-बड़ी हस्तियां भी पहूंचती हैं.

इतना ही नहीं Sabari Venkat ने एक किताब भी लिखी है. Sabari Venkat बताते हैं कि उन्हें विवेकानंद के विचार काफ़ी पसंद हैं और वो उनके आदर्श भी हैं. पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से भी वो काफ़ी प्रभावित हैं.

Sabari Venkat अपने परिवार के साथ तमिलनाडू के शहर Coimbatore में रहते हैं. अभी तक इन्होंने 150 से ज़्यादा स्पीच दी हैं और हर दिन Sabari के फ़ॉलोअर बढ़ते जा रहे हैं. Creative Child with Disabilities द्वारा आयोजित कई प्रतियोगिताओं में 30 से ज़्यादा अवॉर्ड जीते हैं.

Sabari को कई भाषाओं का ज्ञान भी है. वो इंग्लिश, हिन्दी, संस्कृत और तमिल भाषाओं में गाने भी गा लेते हैं. ये कई साज़ बजाने की कला में भी निपूर्ण हैं, साथ ही वो एक बेहतरीन वक्ता भी हैं. उनकी कहानी सुनाने की कला पर हर कोई फ़िदा हो जाता है.

12 साल की छोटी सी उम्र में इतना कुछ करने वाले Sabari का हौसला ही है, जो उन्हें यहां तक ले आया. वरना अपनी कमियां गिना कर कई लोग बस ज़िंदगी से हार जाते हैं. 

Image Source: The logical indian