पैंडिमिक में हमारी जान बचाने के लिए कोविड वॉरियर्स का जीतना शुक्रिया अदा किया जाये कम है.

अपना घर-परिवार भूल कर डॉक्टर, हेल्थ वर्कर, पुलिसकर्मी हमारी सुरक्षा में और हमारी जान बचाने में लगे हैं.

ऐसे ही एक डॉक्टर की कहानी सामने आई है जिन्होंने 175 दिन की ड्यूटी के बाद छुट्टी ली!

रिपोर्ट्स के मुताबिक़, राजीव गांधी सुपर स्पैशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. अजीत जैन लगभग 6 महीने के बाद बीते गुरुवार को अपने परिवार से मिले.  

Amar Ujala

Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. जैन का घर अस्पताल से सिर्फ़ 30 मिनट की दूरी पर है. डॉ. जैन की पत्नी ने उनका स्वागत आरती उताकर किया. मार्च 17 के बाद डॉ. जैन घर नहीं आए थे. परिवार ने केक काटकर ख़ुशियां मनाई और महीनों बाद एक साथ खाना खाया. 

जब मार्च में केस आने लगे तो हम समझ गये थे कोविड- 19 इंसानियत के सामने अब तक की सबसे बड़ी चुनौति है. मुझे डर था कि कहीं मेरे परिवार को भी मेरी वजह से कोविड- 19 न हो जाए. मेरे माता-पिता की उम्र 75 से ज़्यादा है. 

-डॉ. जैन

Amar Ujala

मरीज़ों की बढ़ती संख्या के बीच डॉ. जैन के लिए परिवार से बात करना भी मुश्किल था. डॉ. जैन रात के 1-2 बजे ही परिवार से बात कर पाते थे. 

लोगों की जान बचाना पहली Priority थी. 

-डॉ. जैन

Twitter

पहले 3 महीने में डॉ. जैन एक बार में 15 मिनट से ज़्यादा सो ही नहीं पाए. उनका फ़ोन लगातार बजता रहता था. 

लॉकडाउन में हालात और बुरे थे. बंद कमरे में मरीज़ परेशान थे. वो हर 5 मिनट में फ़ोन करते थे. 

-डॉ. जैन

डॉ. जैन ने नर्स, नर्सिंग अरदली और हाउसकिपिंग स्टाफ़ की एक टीम बनाई जो मरीज़ों से रोज़ बात करते थे ताकि मरीज़ों के अकेलापन महसूस न हो. वायरस से ठीक हो चुके लोगों से बात-चीत करने के लिए अलग टीम बनाई गई थी.

डॉ. जैन के लिए जितनी तारीफ़ें लिखीं जाए कम है.