गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय 

बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।

गुरु की असली परिभाषा बताने वाली कबीर दास की इन दो पंक्तियों का मतलब शायद ही गूगल गुरु से ज्ञान लेने वाले बच्चों को मालूम हो. सोशल मीडिया के इस दौर में आज शिक्षकों और छात्रों के बीच वो रिश्ता नहीं रहा जो किसी ज़माने में हुआ करता था. हालांकि, इस बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको इमोशनल कर देगा और आपको आपके स्कूल के दौर में ले जायेगा.  

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ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो ख़ूब वायरल हो रहा है. जो किसी स्कूल का प्रतीत होता है. जिसमें छात्र टीचर से लिपटकर रोते नज़र आ रहे हैं. बच्चों को रोता देख टीचर भी रोते हुए सभी बच्चों को आशीर्वाद देते दिख रहे हैं.  

यकीन ही नहीं होता कि आज के दौर में भी ऐसे शिक्षक हैं जिनके लिए छात्रों का प्रेम अटूट है.  

मध्य प्रदेश के कटनी ज़िले के तिलमन गांव में एक सरकारी स्कूल है. वैसे तो स्कूल में अन्य टीचर भी हैं, लेकिन मंगलदीन पटेल की बात ही अलग है. छात्र मंगलदीन के लिए जान छिड़कते हैं. गणित के अध्यापक मंगलदीन पटेल का कटनी शहर के एक स्कूल में ट्रांसफ़र हो गया. शनिवार को स्कूल छोड़ने से पहले वह अपनी क्लास में छात्र-छात्राओं से मिलने गए.

चलिए अब इस वीडियो की सच्चाई बताते हैं-  

दरअसल, मंगलदीन पिछले कई सालों से इस स्कूल में टीचर थे. शनिवार को स्कूल में उनका आख़िरी दिन था ऐसे में स्कूल का माहौल बेहद ग़मगीन था. जिन गुरुजी से बच्चों ने सब कुछ सीखा उनको यूं जाता देख वो बिलख पड़े. बच्चों का रोता देख गुरुजी भी रोने लगे. मासूम बच्चे अपने प्रिय अध्यापक से लिपट गए और फ़ूट-फ़ूटकर रोने लगे. मासूम बच्चे कहने लगे कि ‘सर जी, आप हमें छोड़कर मत जाओ’. क्या बच्चे, क्या स्कूल के कर्मचारी और क्या चपरासी, वहां मौजूद हर शख्स की आंखें आंसुओं से भीगी हुई थीं.

सच कहूं तो आज के दौर में ऐसे दृश्य कम ही देखने को मिलते हैं. स्कूल के दिनों में चाहे हम अपने टीचरों के लिए कुछ भी सोचते हों लेकिन सच्चाई यही है कि गुरु-शिष्य का रिश्ता हर रिश्ते से बढ़कर होता है.