दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख़्स हो जो उसके भविष्य को लेकर चिंतित न हो. या फिर उसके भविष्य की कल्पना न करता हो. भविष्य एक ऐसा शब्द है जो ख़ुद में अज्ञात का भय समेटे हुए होता है. मनुष्य हमेशा उसके भविष्य की बेहतरी के लिए प्रयासरत होता है. इसी के मद्देनज़र कई कालजयी लेखकों ने कुछ ऐसी बातें लिखी हैं जो मनुष्य को मजबूर करता है कि वो ख़ुद से सवाल पूछे. मनुष्य कंप्यूटर, हैकर्स, बायोनिक लिम्ब्स और आईपैड्स के अलावा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर बात करे. कई बार वे उनकी किताबों के माध्यम से सदियों आगे चले जाते हैं, और जमाना जब धीरे-धीरे वहां तक पहुंचता है तो उसे इस बात का अंदाज़ा होता है कि फलां लेखक ने तो ये बात आज से कई दशकों पहले ही कह दी थी. अब कल्पना की उड़ान और शक्ति भी तो इसी को कहते हैं न?
यहां हम ख़ास आपके लिए पेश कर रहे हैं ऐसे 15 sci-fi किताबें जो भविष्य दिखलाती हैं…
1. जोनाथन स्विफ्ट की गुलिवर ट्रेवल्स ने मंगल के दो चंद्रमाओं की बात कही थी…
यह नॉवेल सन् 1726 में लिखी गई थी. एह एक ऐसे शख़्स गुलिवर की कहानी है जो अलग-अलग दुनिया में विचरण करता है जहां एक जगह उसे ज़रूरत से छोटे तो वहीं दूसरी जगह उसे ज़रूरत से ज़्यादा बड़े जीव देखने को मिलते हैं. मगर इसी अजीबोगरीब यात्रा पर उसे एक लापुटा नामक द्वीप मिलता है और वहां से ऐस्ट्रोनॉमर्स ने ऐसा महसूसा कि वहां से मंगल की कक्षा में दो चांद दिखलाई पड़ते हैं. तब से लगभग 150 वर्ष बाद सन् 1877 में ऐसा खोजा गया कि मंगल की कक्षा में दो चंद्रमा हैं. उन दोनों का नाम फोबोस और डाइमोस है.
2. मैरी शेली की ‘फ्रैंकेनस्टाइन’ ने वर्तमान में होने वाले प्रत्यारोपण की बात कही थी…
जब शेली ने सन् 1818 में फ्रैंकेनस्टाइन किताब लिखी थी तब विज्ञान में इस बात को लेकर बहस की शुरुआत ही हुई थी कि मृत कोशिकाओं को किस प्रकार इलेक्ट्रिसिटी की मदद से दोबारा स्थापित कर सकते हैं. अब इसे लेकर किए गए शुरुआती प्रयासों को हम भले की कच्चा कहें, मगर शेली की नॉवेल में यह बातें बहुत पहले कह दी गई थीं.
3. जूल्स वर्ने की किताब “ Twenty Thousand Leagues Under the Sea” में इलेक्ट्रिक पनडुब्बी की बात कही गई थी…
जूल्स वर्ने को 19वीं सदी के सबसे प्रगतिशील लेखक के तौर पर शुमार किया जाता है. वे चंद्रमा के मॉड्यूल से लेकर सौर परिक्रमा तक की बातें करते हैं. उनकी किताब में वे इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की बातें करते हैं, और वे पनडुब्बियां उनकी किताब लिखने के लगभग 90 वर्ष बाद आधिकारिक तौर पर अस्तित्व में आईं.
4. एडवर्ड बेलामी की किताब ‘Looking Backward’ ने क्रेडिट कार्ड की बात बहुत पहले कह दी थी…
एडवर्ड ने यह साइंस फिक्शन सन् 1888 में लिखा था और उसमें उन्होंने क्रेडिट कार्ड का जिक्र किया था, जो लगभग 63 वर्ष बाद देखने को मिले.इसमें वे जिक्र करते हैं कि जूलियन वेस्ट लगभग 113 वर्षों के लिए सो जाता है और जब वह सन् 2000 में उठता है तो चारों तरफ क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल किए जा रहे हैं. उस दौर में इस बात की कल्पना करना ही एक बड़ी बात थी.
5. हूगो गर्न्स बैक की किताब ‘Ralph 124C41+’ में सौर उर्जा का जिक्र था…
हूगो ने यह किताब सन् 1911 में लिखी थी. हालांकि, साइंस फिक्शन पर आधारित इस किताब का प्लॉट और कहानी बहुत मजबूत नहीं है मगर इस किताब में सोलर एनर्जी, टेलीविजन, टेप रिकॉर्डर, स्पेस ट्रेवल और बोलती हुई फ़िल्मों का जिक्र था. अब उस दौर में ऐसा सोचना समय से आगे तो सोचना था ही न?
6. एच.जी वेल्स ने ‘The World Set Free’ में आणविक हथियारों का जिक्र किया था…
यह किताब सन् 1914 में मार्केट में आई थी, और होने को तो यह भी हो सकता है कि इसने ही आगे के लिए रास्ता बनाया हो. हालांकि, इस किताब का आणविक हथियार एक यूरेनियम हैंड ग्रेनेड था और उस सामान्य बम नहीं था, मगर इस किताब की बातें लगभग तीन दशक पहले तो लिखी ही गईं थी.
7. आल्डस हक्सले की किताब ‘Brave New World’ में उत्तेजक दवाईयों का जिक्र था…
यह नॉवेल सन् 1931 में लिखी गई थी. इस किताब में हक्सले कहते हैं कि इस पूंजीवादी व्यवस्था में लोग सेक्स को लेकर किस कदर अनिच्छुक हो जाएंगे और लोग जाति व्यवस्था में बंट जाएंगे. इस किताब में हक्सले उत्तेजक दवाईयों, रीप्रोडक्टिव तकनीक और ओवरपॉपुलेशन पर बात करते हैं.
8. जॉर्ज ऑरवेल की किताब ‘1984’ में वे बिग ब्रदर और मास सर्विलांस की बातें करते हैं…
ऑरवेल उनकी कालजयी रचना ‘1984’ में बिग ब्रदर, डबलथिंक, न्यूज़स्पीक और थॉट पुलिस पर बहुत पहले ही लिख चुके हैं. वे इस किताब में इस बात का जिक्र करते हैं कि किस प्रकार सेंसरशिप, प्रोपेगैंडा और सरकारों द्वारा जनता को दबाया जाना ही मूल्यों के तौर पर स्थापित कर दिया जाएगा. वे इस बात का भी जिक्र करते हैं कि एक समय ऐसा भी आएगा जब इंसानों की हरेक गतिविधियों पर सरकार की निगरानी चलेगी.
9. रे ब्रैडबरी की ‘Fahrenheit 451’ ने ईयरबड्स की बात कही थी…
ब्रैडबरी उनकी नॉवेल ‘Fahrenheit 451’ जिसे उन्होंने 1953 में लिखा था में इस बात का जिक्र करते हैं कि एक दौर ऐसा भी आएगा जब किताबों को ग़ैरक़ानूनी सिद्ध कर दिया जाएगा और किताबों को जला दिया जाएगा.इस नॉवेल में वे फ्लैट स्क्रीन टेलीविजन और थिंम्बल रेडियो का भी जिक्र करते हैं. इसका आईडिया कमोबेश आज इस्तेमाल होने वाले ईयरफ़ोनों और ब्लूटूथ हेडसेट्स से मिलता-जुलता है.
10. रॉबर्ट हाइनलाइन की ‘Stranger in a Strange Land’ में वाटरबेड का जिक्र किया गया था…
सन् 1961 में लिखे गए इस नॉवेल में वैलेंटाइन माइकल स्मिथ का जिक्र है जो मार्शनों द्वारा पाले-पोसे जान के बाद अंतत: पृथ्वी पर चला आता है. इस किताब में वाटरबेड्स का जिक्र लगभग एक दशक पहले ही आ गया था. इसके साथ-साथ इसमें अंतर्गैलेक्टिक राजनीति का भी जिक्र है.
11. आर्थर सी. क्लार्क ने ‘2001: A Space Odyssey’ में आईपैड का जिक्र बहुत पहले ही कर दिया था…
सन् 1968 में लिखे गए इस साइंस-फिक्शन में एलियन सिविलाइजेशन का जिक्र है जहां न्यूक्लीयर युद्ध के बारे में बातें कही गई हैं. मगर इस किताब की सबसे जबरदस्त चीज़ इस किताब के किरदारों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक पेपर थे. इन्हें उस किताब में ‘न्यूजपैड’ कहा जा रहा था. ये न्यूजपैड आज के दौर में इस्तेमाल किए जाने वाले आईपैड से मिलते-जुलते हैं.
12. जॉन ब्रूनर की ‘Stand On Zanzibar’ ने सैटेलाइट टीवी और इलेक्ट्रिक कारों का जिक्र था…
इस किताब की पटकथा सन् 1968 में लिखी गई थी. ब्रूनर द्वारा लिखे गए इस नॉवेल में अमरीका की बातें लिखी गई थी जहां ओवर पॉपुलेशन और समाज के भीतर बढ़ते असंतोष का जिक्र है. इस किताब में तब के दौर से बहुत पहले की बातें कही गईं थीं. इसमें सैटेलाइट टीवी, लेजर प्रिंटर, इल्कट्रिक कारों और गांजे को वैध कर देने का भी जिक्र किया गया था, और आज यह सब-कुछ हकीक़त है.
13. मार्टिन साइडिन की ‘Cyborg’ जिसमें बायोनिक लिंब की बात कही गई थी…
सन् 1972 में लिखी गई इस नॉवेल में पूर्व अंतरिक्ष यात्री जो बाद में पायलट बन गए का जिक्र है. इस नॉवेल में उसका किरदार जिसका नाम स्टीव ऑस्टिन है एक हवाई दुर्घटना का शिकार होकर उसका एक हाथ और आंख गंवा बैठता है.इस नॉवेल में वैज्ञानिकों की एक टीम उसे नई टांगे, निकालने-लगाने वाली आंख जिसमें कैमरा भी लगा था और बायोनिक हाथ से लैस कर देते हैं. जिसकी वजह से वह शख़्स मशीन और इंसान के बीच की एक कड़ी बन जाता है.उस दौर में ऐसा सोचना ही ख़ुद में बहुत बड़ी बात थी.
14. विलियम गिब्सन की किताब ‘Neuromancer’ ने साइबरस्पेस और कंप्यूटर हैकर्स का जिक्र बहुत पहले कर दिया था…
भविष्य की संभावना और दुर्भावना को समेटे हुए सन् 1984 में लिखा जाने वाला यह नॉवेल Neuromancer उसके समय से बहुत पहले की भूमिका समेटे हुए था. इसमें वे साइबरस्पेस सोसाइटी और कंप्यूटर हैकर्स की बात करते नज़र आते हैं जो आज एक हकीक़त है.
15. डगलस ऐडम्स ‘The Hitchhiker’s Guide to the Galaxy’ ने ऑडियो ट्रांसलेटिंग ऐप्प का जिक्र किया था…
सन् 1979 में लिखे गए इस नॉवेल में ऑर्थर डेंट को उसका दोस्त फोर्ड परफेक्ट आगाह करता है. इसमें वह कहता है कि पृथ्वी का अस्तित्व खतरे में है. इस नॉवेल के ये दोनों किरदार पूरे ब्रम्हांड में अलग-अलग जगहों पर भटकते रहते हैं, और उनके पास यूनिवर्सल ऑडियो ट्रांसलेटर था. अब ऐसा सब कुछ एक हकीक़त है.