साल में दो बार आने वाला नवरात्रि का पर्व पूरे भारत में मनाया जाता है. नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’. नवरात्रि की नौ रातों में दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है, जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं. नवरात्रि भारत के विभिन्न भागों में अलग ढंग से मनायी जाती है, पर हर जगह इन दिनों में व्रत रखने का ख़ास महत्व माना गया है.

यूं तो ये पर्व श्रद्धा से जुड़ा हुआ है, पर इसे मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं, जिन्हें कम ही लोग जानते हैं. जब लोग शिक्षित नहीं हुआ करते थे, तब उन्हें वैज्ञानिक कारण समझाना मुश्किल था. इसलिए कई चीज़ों को धर्म से जोड़ दिया जाता था, जिन्हें लोग आसानी से मान लेते थे.

नवरात्रि को साल में दो बार मनाया जाता है, एक बार गर्मियों की शुरुआत से पहले और दूसरी बार सर्दियों की शुरुआत से पहले. इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण हैं. इस समय मीट, अनाज, शराब, प्याज़, लहसुन आदि का सेवन करने से नकारात्मक ऊर्जा शरीर में बढ़ती है. इस नकारात्मक ऊर्जा के कारण कई लोग इस समय बीमार भी पड़ते हैं.
इस समय जलवायु और सूरज के प्रभाव का महत्वपूर्ण संगम होता है. इस दौरान व्रत करने से बीमार होने की सम्भावना कम हो जाती है और शरीर का शुद्धिकरण होता है. मौसम बदलने के कारण हमारे शरीर की ऊर्जा घटती-बढ़ती रहती है, जिसकी वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है.

कई लोग धार्मिक न होने की वजह से नवरात्रि का महत्व नहीं समझते, लेकिन इसे मनाने की वजह धार्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक भी है. इसलिए इस दौरान व्रत और परहेज़ ज़रूर करना चाहिए.