वैज्ञानिकों का मानना है कि एक बेहद विशालकाय उल्कापिंड, जो हाल ही के हफ़्तों में पृथ्वी के पास से गुज़रा है, वो उल्कापिंड न होकर एक एलियन स्पेसशिप हो सकता है.
सिगार शेप का ये ऑब्जेक्ट सबसे पहले अक्टूबर में नज़र आया था. यूनिवर्सिटी ऑफ़ हवाई में Pan-Starrs टेलीस्कोप की मदद से इसे देखा गया था. इस टेलीस्कोप को आमतौर पर ख़तरनाक एस्ट्रॉयड्स की पहचान करने के लिए किया जाता है. इस ऑब्जेक्ट को एक एस्ट्रेरॉयड माना जा रहा है और ये पहला ऐसा रिकॉर्डेड ऑब्जेक्ट था जो हमारी आकाशगंगा के बाहर से आया था.
वैज्ञानिकों को पहले लगा था कि Oumuamua नाम का ये ऑब्जेक्ट दरअसल एक उल्कापिंड है लेकिन इसकी अजीबोगरीब विशेषताओं को देखते हुए अब माना जा रहा है कि ये एक एलियन स्पेसक्राफ़्ट हो सकता है. Oumuamua 400 मीटर लंबा है और 196000 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से अंतरिक्ष में यात्रा कर रहा है. इस गति का मतलब है कि ये सूरज की ग्रैविटी में नहीं फ़ंसेगा और हमारे सोलर सिस्टम में सुरक्षित रूप से उड़ता रहेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, एलियन टेक्नोलॉजी के इस ऑब्जेक्ट की जांच करने के लिए एस्ट्रोनॉमर्स अब दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप का इस्तेमाल करने जा रहे हैं. ये एस्ट्रोनॉमर्स, वर्जीनिया में मौजूद ग्रीन बैंक टेलीस्कोप के इस्तेमाल के साथ ही इस अजीबोगरीब ऑब्जेक्ट के रेडियो ट्रांसमिशंस को सुनने की कोशिश करेंगे. ब्रेकथ्रू लिसन प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक इस प्रोजेक्ट की शुरूआत कर चुके हैं.
इससे पहले रिसर्चर्स का मानना था कि एक लम्बी शेप किसी भी एलियन स्पेसक्राफ़्ट के लिए काफ़ी बेहतर होगी क्योंकि इससे उल्कापिंडों और अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी ही चीज़ों से टकराने का ख़तरा कम से कम होता है. ये उल्कापिंड यूं तो अभी सूरज से दोगुनी दूरी पर मौजूद है लेकिन दुनिया का सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप इस दूरी से भी छोटे से छोटे सिग्नल को पकड़ने में सक्षम है.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमी के प्रोफ़ेसर और ब्रेकथ्रू प्रोजेक्ट के एक सलाहकार एवी लोएब ने कहा, हालांकि इसके बेहद कम चांस हैं कि हमें कुछ सुनाई दे, लेकिन अगर ऐसा होता है तो हम इसे फ़ौरन रिपोर्ट करेंगे और इन सिग्नल्स का मतलब निकालने की कोशिशें शुरू हो जाएंगी. प्रोफ़ेसर के मुताबिक, यकीनन इन सिग्नल्स को देखने का फ़ैसला बेहद दूरदर्शी हो सकता है, अगर यहां कोई जीवन न भी हो और हमें कोई बची हुई शिल्पकृति या प्राचीन कलाकृति भी मिलती है तो भी ये हमारे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हो सकती है.
लेकिन इन सबके बावजूद एक बुनियादी प्रश्न रह जाता है, क्या हम अकेले हैं या वाकई हमारे अलावा भी कोई और इस ब्रहांड में मौजूद है?