आनुवंशिक बहरेपन को दूर करने के लिए एक ऐसी थेरेपी बनाई गयी है, जो बहरेपन से जूझ रहे लोगों की ज़िन्दगी बदल सकती है. मरीज के DNA में बदलाव कर के, इस जीन थेरेपी के ज़रिये उसके सुनने की शक्ति लौटायी जा सकती है.

Usher Syndrome से पीड़ित चूहों पर ये एक्सपेरिमेंट किया गया था. इस सिंड्रोम के कारण सुनने की क्षमता प्रभावित होती है. इसके बाद चूहों की सुनने की क्षमता बढ़ गयी और वो हल्की आवाज़ों पर भी प्रतिक्रिया देने लगे.

Dr. Geleoc बताते हैं कि ये ट्रीटमेंट Ush1c जीन पर काम करता है. ये एक तरह से कान तक पहुंचने वाली आवाज़ों को ऐम्प्लीफाई कर देता है.

Nature Biotechnology में प्रकाशित हुई ये रिसर्च एक ऐतिहासिक अध्ययन है, जल्द ही ये ट्रीटमेंट इंसानों पर भी किया जाएगा. इस थेरेपी के ज़रिये अंधेपन का इलाज किया जाना भी संभव हो सकेगा. आने वाले तीन सालों में इसे इंसानों पर आज़माया जाएगा.