भारत का पहला वॉर मेमोरियल बनकर तैयार हो गया है. इंडिया गेट के पास बनाए गए इस वॉर मेमोरियल में देश की तीनों सेनाओं के शहीदों के नाम अंकित हैं. पीएम मोदी ने 25 फ़रवरी को ही इसका उद्घाटन किया था. उस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे. इस एतिहासिक स्मारक की तस्वीरें भी अब धीरे-धारे सामने आ रही हैं.

चलिए तस्वीरों को देखने के साथ ही नेशनल वॉर मेमोरियल से जुड़े कुछ फ़ैक्ट भी जान लेते हैं. 

नेशनल वार मेमोरियल में देश के लिए शहीद हुए 26000 सैनिकों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने युद्ध और अलग-अलग ऑपरेशन्स में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं. 

इंडिया गेट के पास बना ये युद्ध स्मारक करीब 40 एकड़ में फैला है. आस-पास के निर्माण को कोई क्षति न पहुंचे इसलिए इसका कुछ हिस्सा अंडरग्राउंड है.

इसे बनाने के लिए 22 पेड़ काटे गए थे, जिसके बदले में 715 पेड़ लगाए गए हैं. 

इस वार मेमोरियल को बनाने में लगभग 176 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं. 

किस शहीद का नाम किस दीवार पर अंकित इसे लोकेट करने के लिए एक डिजिटल सिस्टम भी तैयार किया गया है. 

परमवीर चक्र पाने वाले शहीदों के नाम हिंदी और इंग्लिश में लिखे गए हैं. 

वार मेमोरियल की प्रतिमाओं और परिसर को ठंडा तथा हरा-भरा रखने के लिए 14 लाख लीटर का एक अंडरग्राउंड वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बनाया गया है.  

यहां चार वृत्ताकार परिसर बनाए गए हैं, जिनके नाम हैं अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र और सुरक्षा चक्र. 

इसकी दीवारों पर ग्रेनाइट के पत्थरों में शहीदों के नाम, रैंक और रेजिमेंट का उल्लेख है. इसमें थल सेना के 25,539, नौसेना के 239 और वायु सेना के 164 शहीदों के नाम शामिल हैं. 

Walkway के दोनों ओर परमवीर चक्र जीतने वाले 21 जवानों की कांसे से बनी प्रतिमाएं लगाई गई हैं.

वीरता चक्र दीर्घा में एक शिला लगी है जिसका नाम परम योद्धा स्थल है. 

दीवारों पर लगे भित्तिचित्रों में सेना के कई युद्ध और ऑपरेशन्स की कलाकृतियां उकेरी गई हैं, जैसे लोंगेवाला, ऑपरेशन मेघदूत और त्रिशूल आदि.   

कहीं-कहीं बहादुर सैनिकों की शौर्यगाथाओं का भी वर्णन किया गया है. 

तो कब जा रहे हैं आप इस युद्ध स्मारक को देखने?