दुनिया हमारे सामने जैसी है, उसे ही सच मान लेना कई लोगों की फितरत नहीं होती. यहीं से जन्म होता है कहानियों का, कॉन्सपिरेसी थ्योरिज़ का जैसे पृथ्वी के बारे में एक कॉन्सपिरेसी थ्योरी ये है कि ये गोल नहीं फ़्लैट है. इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी पर दुनिया के कई लोग इस कदर विश्वास करते हैं कि उनकी एक अलग कम्यूनिटी है फ़्लैट अर्थ सोसाइटी नाम से. ये लोग इस बात को परम सत्य मानते हैं कि धरती फ़्लैट है और अपनी बात साबित करने के लिये दुनिया वालों से अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म्स पर बहस करते रहते हैं. लेकिन एवरेस्ट से आई एक सेल्फ़ी ने फ़्लैट अर्थ सोसाइटी वालों को मायूस कर दिया है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ace011a19867e50f9bd2b89_54a808c6-a643-438d-b220-eaee78b1fe30.jpg)
माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है. इसकी ऊंचाई करीब 29029 फ़ीट है. यहां से एक पर्वतारोही ने अपनी एक सेल्फ़ी खींचकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया.
इसे Reddit पर शेयर करते हुए इन्होंने लिखा- ‘फ़्लैट अर्थ सोसाइटी को शह और मात.’
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/04/5ace011a19867e50f9bd2b89_fbea575c-85b6-425b-9338-e2bf549e04b1.jpg)
इस तस्वीर में पर्वतारोही के पीछे बनता हुआ कर्व साफ़ दिखाई दे रहा है, जो ये साबित करता है कि पृथ्वी गोल है. इसके साथ ही एक और यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा-
‘अगर हम कर्व वाली बात को छोड़ भी दें, तो अगर धरती फ़्लैट होती, तो दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ से आप सब कुछ देख सकते, लेकिन ऐसा नहीं है. ये फ़ैक्ट है कि एक बार में आप धरती का सिर्फ़ 2.5 प्रतिशत हिस्सा ही देख सकते हैं.’
अब देखना ये है कि फ़्लैट अर्थ सोसाइटी इस बारे में क्या कहती है?