Copenhagen के रेड लाइट एरिया में 25 वर्षीय Annika के एक क्लाइंट ने उसका दम घोंटने की कोशिश की. वो एक सेक्स वर्कर है. ये पहली बार नहीं था, जब उसके साथ हिंसा हुई हो, इससे पहले एक साल में उसके साथ चार बार क्लाइंट्स ने हिंसक व्यवहार किया था.

डेनमार्क में सेक्स वर्कर्स के साथ इस तरह का बर्ताव अकसर किया जाता है. लोग उन्हें इंसान नहीं समझते. स्ट्रीट सेक्स वर्कर्स के पास क्लाइंट्स को ले जाने के लिए कोई जगह नहीं होती, इसलिए उनके साथ इस तरह की घटनाएं ज़्यादा होती हैं.

Michael Lodberg Olsen ने इन सेक्स वर्कर्स की समस्या समझी और उनके लिए एक ऐसी जगह बनाने की कोशिश की, जहां वो सुरक्षित रहते हुए अपना काम कर सकें. उन्होंने एक एम्बुलेंस को इस काम के लिए चुना है. वो वीकेंड में इसे रेड लाइट एरिया में पार्क कर देते हैं और सेक्स वर्कर्स इसका इस्तेमाल करती हैं.

उनकी सुविधा के लिए सारा सामान इसमें उपलब्ध है. वो सेक्स वर्कर्स को कॉन्डम से लेकर Lube तक देते हैं. इसका नाम उन्होंने ‘Sexelance’ रखा है.

उनका कहना है कि एक समाज के तौर पर ये हम सब की ज़िम्मेदारी है कि किसी सेक्स वर्कर के साथ बुरा न हो. Olsen आगे Sexelance को रोज़ चलाने की योजना बना रहे हैं.

अब तक इसे 64 बार इस्तेमाल किया जा चुका है, Olsen सेक्स वर्कर्स के लिए एक स्थायी जगह भी खोलना चाहते हैं.

Olsen चाहते हैं कि सेक्स वर्कर्स के प्रति लोगों का नज़रिया बदले और इन्हें भी सम्मान दिया जाये.