आज हम आपको एक ऐसी प्रेम कहानी के बारे में बता रहे हैं, जो बाकी कहानियों से बेहद अलग है. ये कहानी है एक आदमी की, जो औरत बन गया और एक औरत की, जो आदमी बन गयी. दोनों सेक्स चेंज कराने मुंबई के एक सर्जन के पास गए थे और वहीं दोनों को प्यार हो गया.
अब उन दोनों की सेक्स चेंज की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. सुकन्या कृष्णन और आरव अप्पूकुट्टन सितम्बर में विवाह के बंधन में बंधने जा रहे हैं. आरव, बिंदु के रूप में जन्मा था और सुकन्या चंदू के रूप में. सुकन्या एक आदमी के शरीर में खुद को कैद महसूस करती थी और आरव खुद को एक औरत के शरीर में फंसा पाता था.
कैसे हुआ प्यार?
आरव 46 साल का है और सुकन्या 22 की. सुकन्या बताती है कि वो क्लीनिक में फ़ोन पर अपने एक रिश्तेदार से मलयालम में बात कर रही थी. जब उसने फ़ोन रखा, तो उसने देखा कि उसी भाषा में आरव भी किसी से बात कर रहा था.
इसके बाद आरव उसके पास आया और उसने पूछा कि क्या वो भी केरल की है. इसके बाद दोनों की बातचीत शुरू हो गयी. डॉक्टर का इंतज़ार करते हुए दोनों ने लगभग तीन घंटे साथ बिताये. ये बातचीत इतनी गहरी रही कि दोनों ने एक दूसरे का नम्बर भी ले लिया.
सुकन्या ने बताया कि इसके बाद आरव केरल चला गया और वो बेंगलुरु लौट आई. वो बेंगलुरु में ही नौकरी करती है. इसके बाद उनकी फ़ोन पर बातचीत हुई और उन्होंने अपनी सर्जरी के बारे में एक-दूसरे को डीटेल में बताया. पहले हफ़्ते में एक-आध बार बातचीत होती थी, फिर हर दिन होने लगी.
दोनों ही अपने जैसे अन्य लोगो की मदद करना चाहते थे, इसलिए वो एक-दूसरे से और जुड़ते गए. वो ट्रांसजेंडर बच्चों के मां-बाप की काउंसलिंग भी करते हैं. कुछ महीनों बाद उनकी दूसरी मुलाक़ात हुई, जगह फिर वही थी, मुंबई का हॉस्पिटल.
इस बीच कब प्यार हो गया, उन्हें पता ही नहीं चला. अब उनके परिवार भी उनके रिश्ते को लेकर बेहद खुश हैं. उन्होंने एक बच्चा गोद लेने का फैसला किया है, क्योंकि अब वो प्राकृतिक तरीके से मां-बाप नहीं बन सकते.
पहले की ज़िन्दगी
आरव के माता-पिता की कुछ साल पहले मृत्यु हो चुकी है और उसके भाई-बहन अलग-अलग शहरों में रहते हैं. सुकन्या के पिता की मृत्यु के बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी. अपने सौतेले पिता के साथ उसके रिश्ते ठीक नहीं थे.
अराव एक टूर मेनेजर है वो कहता है कि बचपन से उसे लगता था कि वो एक लड़का है. जब वो 13 साल का था, तब उसे समझ आ गया कि वो एक लड़की नहीं है. वो मुंबई आ गया और मर्दों जैसे कपड़े पहनने लगा और वैसे ही बाल भी कटवा लिए. जब वो लेडीज़ कम्पार्टमेंट में चढ़ता था, तो औरतें उस पर चिल्लाने लगती थीं.
इसके बाद उसने मुंबई जाकर पैसे इक्कठा किये, ताकि वो अपना सेक्स चेंज करा सके. एक साल में वो पूरी तरह आदमी बन गया. उसकी दाढ़ी और मूंछ तक आ गयीं.
सुकन्या को भी बचपन से लगता था कि वो एक लड़की है, लेकिन उसके माता-पिता इस बात को अपना नहीं पा रहे थे. वो उसे लड़कों जैसे रहने को कहते. वो हमेशा उनसे सवाल करती थी कि जब वो लड़की जैसा महसूस करती है, तो वो उसके साथ लड़के जैसा बर्ताव क्यों करते हैं?
12 से 18 की उम्र तक उसे बहुत शर्मिंदा होना पड़ा, लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे. उसके माता-पिता ने डॉक्टर के पास ले जाकर उसे हॉर्मोन के इंजेक्शन लगवाए, जिससे उसकी हेल्थ पर असर पड़ने लगा और वो SSC के एग्ज़ाम में भी नहीं बैठ पायी. उसे बताया गया कि 18 की होने से पहले उसका सेक्स चेंज नहीं कराया जा सकता. उसे अपने परिवार को इसके लिए राज़ी करने में लगभग एक साल का वक़्त लगा. वो बेंगलुरु आकर वेब डिज़ाइनर के तौर पर काम करने लगी, ताकि सर्जरी में लगने वाले 8-10 लाख रुपये जमा कर सके.
उसने बताया कि अपना टैलेंट साबित करने के लिए उसे हर जगह ज़्यादा मेहनत करनी पड़ी. लेकिन अब लोगों ने उसे जैसी वो है, वैसे ही अपनाना शुरू कर दिया था. लेकिन इस बीच कई बार उसे बुरे अनुभव भी हुए, एक बार उसके आधार कार्ड की फ़ोटो उसके चेहरे से न मिलने पर उसे फ्लाईट में जाने से रोक दिया गया था. उसने इन समस्याओं के बारे में बताने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलने की कोशिश की. अब उसका नया आधार कार्ड बनाया जा रहा है.
हम इस अनोखे कपल को शादी की ढेरों बधाइयां और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं.