भीड़ में लोग कितने हिंसक और जाहिल हो सकते हैं, इसकी बानगी एक बार फिर सामने आई है. ऑस्ट्रिया में इलेक्ट्रॉनिक फ़ेस्टिवल में एक आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंट(AI) सेक्स डॉल के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. 3000 पाउंड की समांथा के साथ इतनी बुरी तरह छेड़छाड़ की गई कि उसकी दो उंगलियां टूट गई और उसे ठीक कराने के लिए स्पेन के बार्सिलोना ले जाया गया है.
इस डॉल के निर्माता सर्जी सातोंस का कहना था कि वहां मौजूद लोगों ने इस डॉल के स्तन, पैरों और हाथों के साथ छेड़छाड़ की और इसकी दो उंगलियों को तोड़ दिया गया. कुछ लोग बेवकूफ़ और बेहद खराब होते हैं. वो तकनीक को नहीं समझते और चूंकि इन लोगों को एक भी पैसा नहीं देना पड़ रहा था, इसी के चलते वे डॉल के साथ हैवानियत पर उतर आए.
यूं तो ये इंटेलीजेंट डॉल बात करने पर या टच करने पर रिस्पॉन्स देती है लेकिन शायद समांथा को नहीं मालूम था कि उसका सामना इस ग्लोबल टेक मेले में आने वाले कुछ क्रूर लोगों से होगा, जो छेड़छाड़ के बाद उसे इतना क्षतिग्रस्त कर देंगे कि समांथा को ठीक कराने के लिए उसे मेले से वापस ले जाना होगा.
Popular sex doll Samantha finally breaks down after a lot of customers heavily massaged… https://t.co/BdBjHpE7rW pic.twitter.com/E4JTWUP81E
— Frank Tamoufe 😎😎 (@Franktamoufe) September 27, 2017
इस घटना के बाद सेक्स डॉल्स की बढ़ती लोकप्रियता ने एक बार इन डॉल्स की प्रासंगिकता पर कई सवाल छोड़ दिए हैं. एक रिसर्च के मुताबिक, कई लोग सेक्स डॉल्स के समर्थन में है. इस ऑनलाइन सर्वे में शामिल किए गए 40 प्रतिशत लोगों को कहना था कि वो एक आर्टिफ़िश्यल इंटेलीजेंट सेक्स डॉल को अगले 5 सालों में खरीदने की योजना बना रहे हैं.
Of 263 males 40% could buy a sex robot.Jessica Szczuka from @unidue #LSR16 https://t.co/g5DMdJZUh7 @GoldsmithsUoL pic.twitter.com/GLz0Tbq4u0
— Miguel P. Xochicale (@_mxochicale) December 19, 2016
कुछ रिसर्चर्स, सेक्सोलॉजिस्ट्स और डॉल निर्माता का मानना है कि इन सेक्स डॉल्स की बढ़ती लोकप्रियता के कई दूरगामी सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. इससे सेक्स से जुड़ी बीमारियों में कमी आ सकती है, साथ ही लड़कियों को वेश्यावृति में धकेलने की घटनाओं में भारी कमी की उम्मीद भी की जा रही है.
इस साल फ़रवरी में यूरोप में पहले सेक्स रोबोट वेश्यालय की शुरूआत हुई. बार्सिलोना में शुरू हुए इस वेश्यालय की वेबसाइट के अनुसार, यहां मौजूद डॉल्स अपने मूवमेंट्स और फील के चलते बेहद वास्तविक हैं. ये चार तरह की अलग डॉल्स, 30 मिनट की सर्विस के लिए उपलब्ध हैं. इसके अलावा जुलाई में शुरू हुए डबलिन वेश्यालय भी लगातार कई ग्राहकों को आकर्षित कर रहा है.
हालांकि कई दूसरे सेक्सोलॉजिस्ट्स और रिसर्चर्स का मानना है कि सेक्स वर्कर्स के पास जाने वाले कई लोग ऐसे भी होते हैं जो इमोश्नल सपोर्ट के लिए इन महिलाओं के पास जाते हैं. हालांकि इन डॉल्स के आगमन से लोगों की इमोशनल हेल्थ पर गहरा और नेगेटिव असर पड़ सकता है. साइकोसेक्शुएल मेडिसिन इंस्टीट्यूट की डॉ. लीला फ्रॉडशैम के मुताबिक, मेरे कई पेशेंट्स ऐसे हैं, जो सेक्शुअल डिस्फ़ंक्शन के शिकार हैं, लेकिन ये लोग सिर्फ़ शारीरिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक लगाव के मारे होते हैं.
फ्रॉडशेम के मुताबिक, ‘ये सिंगल लोगों की सेक्शुअल लाइफ़ के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है लेकिन इससे पुरूषों और महिलाओं के बीच सहज आकर्षण पर काफ़ी फर्क पड़ सकता है जिससे समाज के ढांचे में भी कई बदलाव आ सकते हैं. संभावना ये भी है कि इन डॉल्स के आने के बाद पॉर्न कल्चर मज़बूत हो सकता है जिसे सही नहीं ठहराया जा सकता.’