बस में उसने मुझे ग़लत तरीके से छुआ
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/09/5d763b7e9d041335b853d089_84b7b813-845e-4f32-a10b-414835ab360b.jpg)
ये एक लड़की नहीं, बल्कि एक लड़का उस समाज से कह रहा है, जो ये कहता है कि लड़के मज़बूत होते हैं उनके साथ ऐसा कुछ नहीं होता है. तो उन लोगों से मैं कहना चाहूंगी कि लड़के भी इस समाज में यौन उत्पीड़न झेल रहे हैं. समाज की नज़र में हार्ड बने ये लड़के इसी समाज में डरे और सहमें रह रहे हैं. बस के किसी कोने से एक गंदी नज़र उन्हें भी झकझोर देती हैं. बस फ़र्क इतना ही है कि उन नज़रों को कुछ लड़कियां विरोध करके और चिल्लाकर झुका देती हैं और उसे कुछ लड़के ख़ुद पर से नहीं हटा पाते हैं. न खुलकर बता पाते हैं कि उनके साथ क्या हो रहा है? जब बताते हैं, तो इसी समाज के लोग उन्हें ‘नामर्द’, ‘डरपोक’ और न जाने क्या-क्या कहकर बुलाने लगते हैं? यहां कौन आज़ाद है और कौन कैद ये कहना थोड़ा मुश्क़िल है?
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/09/5d763b7e9d041335b853d089_b91f4b4e-f0cf-4c2f-a24e-c80e761c8f6f.jpg)
ये डर ही उन्हें चुप रहने पर मजबूर करता है. कॉलेज की लाइन में, बस की सीट पर, स्कूल के क्लासरूम में, ऑफ़िस के कॉरीडोर में और घर पर अंकल की गोद में ये सब मुंह बंद करके सहने को कहता है. क्योंकि जब वो ये बताता है, तो लोग उसे ‘डरपोक’ कहने लगते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/09/5d763b7e9d041335b853d089_84eabbd0-ed77-4edb-9304-f164773ce5f2.jpg)
ऑफ़िस में जब ऐसा एक लड़के के साथ हो, तो उसे क्या करना चाहिए? या तो कॉम्प्रोमाइज़ करे या फिर जॉब छोड़ दे क्योंकि बताने का आप्शन तो उसके पास है नहीं. जब बॉस लड़की से कॉम्प्रोमाइज़ करने को कहता है तो उनमें से कुछ लड़कियां अपने साथ हुई बदसलूकी का विरोध कर लेती हैं. कोर्ट चली जाती हैं, क्योंकि वो जानती हैं कि दुनिया उनकी सुनेगी. जब एक लड़के के साथ ऐसा होता है, तो वो अपनी जॉब बचाने के लिए या तो कॉम्प्रोमाइज़ करता है, या फिर जॉब छोड़ देता है. क्योंकि उसके पास बताने का ऑप्शन नहीं होता है. उनकी सुनता तो कोई नहीं उनका मज़ाक ज़रूर सब बनाते हैं. यहां तक कि कोई क़ानून भी नहीं बना है, जो लड़कों की पक्षदारी करे.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/09/5d763b7e9d041335b853d089_c50b31a6-b0e5-4c90-af7a-44d67d844669.jpg)
न ही कोई क़ानून है जो ये कहे कि लड़के भी पीड़ित हो सकते हैं. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354A, 354B, 354C और 354D के तहत यौन उत्पीड़न के मामलों में अपराधी पुरुष ही होगा. आईपीसी की धारा-375 जिसमें रेप और उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी प्रावधानों की बात कही गई है. ज़रूरत है वर्कप्लेस जितने कठोर क़ानून एक लड़की के लिए बनाए गए हैं उतने ही लड़कों के लिए भी बनाने की.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/09/5d763b7e9d041335b853d089_8237c613-8272-49c1-a0fb-6ec02078c747.jpg)
मगर एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,
40 ग़ैर-सरकारी संगठन लड़कों के लिए हेल्पलाइन नंबर चला रहे हैं, जिसमें वो अपने साथ हुई घटना की शिकायत कर सकते हैं. पिछले एक साल में 37,000 से ज़्यादा कॉल उनके पास आ चुकी हैं. ये सभी कॉल्स मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब राज्यों से आए हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/09/5d763b7e9d041335b853d089_3d45b640-d0d9-4a02-a024-8db586868c0d.jpg)
इन सबको देखकर, पढ़कर और सुनकर आपसे ये ही कहना चाहूंगी जिसे हम मज़ाक समझ लेते हैं वो किसी के लिए बहुत गंभीर बात है, जिसका परिणाम उसकी जान भी हो सकता है. शोषण एक बहुत बड़ा विषय है और इस पर लड़का या लड़की नहीं, बल्कि हर उस इंसान के बारे में बात करने की ज़रूरत है, जो इसे झेल रहा है.