एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट, Shaadi.com ने आलोचना के बाद अपनी वेबसाइट से स्किन कलर फ़िल्टर हटा दिया है.


BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये साइट पर लोगों के पास स्किन कलर के आधार पर पार्टनर्स ढूंढने का मौक़ा दे रही थी. अमेरिका की हेतल लखानी ने एक ऑनलाइन पेटिशन शुरू किया और इस वेबसाइट को वो फ़िल्टर हटाना पड़ा.  

Shaadi.com

दुनियाभर में चल रहे ऐंटी-रेसिज़्म प्रोटेस्ट के बीच ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.


इस साइट से जुड़ने के लिए, यूज़र्स को स्किन टोन बताना पड़ता था. स्किन टोन के आधार पर यूज़र्स अपने लिए पार्टनर्स सर्च कर सकते थे. Shaadi.com का कहना है कि स्किन टोन चुनने के बाद भी वो सारे ऑपशन्स दिखाते थे.  

हेतल के पेटिशन पर 1600 से ज़्यादा लोगों ने साइन किया. 

BBC

हेतल को पेटिशन शुरू करने का आईडिया, मेघना नागपाल की फ़ेसबुक पोस्ट से आया, मेघना Shaadi.com यूज़ कर रही थीं. 

मेघना ने BBC से बात-चीत में कहा, ‘मैंने उन्हें मेल किया और उनके एक रिप्रज़ेन्टेटिव ने कहा कि ये फ़िल्टर ज़्यादातर भारतीय पैरेंट्स इस्तेमाल करते हैं.’

मैं इस समस्या का हल चाहती थी और ऐसा हल जिससे कुछ बदलाव आये. और ये आग की तरह फैल गया. 14 घंटे में ही 1500 से ज़्यादा सिगनेचर मिल गये. लोग ख़ुश थे कि हमने इस मुद्दे को उठाया. 

-हेतल लखानी

भारतीय स्किन कलर को लेकर बहुत ज़्यादा ‘चिंतित’ रहते हैं. भारतीय रंग ही डार्क है पर यहां के लोग गोरेपन को लेकर पगला जाते हैं. हर साल फ़ेयरनेस क्रीम कंपनियों को हो रहा करोड़ों का मुनाफ़ा इस बात का सुबूत है, वक़्त आ गया है कि ये सोच बदले.