अगर आप आने वाले दिनों में फ़ैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं, तो आप के लिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि रोज़ाना की ज़िन्दगी में पुरुषों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले प्रोडक्ट्स में ऐसे कैमिकल्स होते हैं, जो धीरे-धीरे पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी और काउंट दोनों पर विपरीत असर डालते हैं.

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रोज़ाना इस्तेमाल किये जाने वाले शैम्पू, एयर फ़्रेशनर्स, लॉन्ड्री डिटर्जेंट, कीड़े-मकौड़े मारने वाली दवाइयां, शॉवर कर्टेन्स, रेनकोट, शेविंग क्रीम, यहां तक कि पानी में Phthalates नामक एक ऐसा हानिकारक कैमिकल मिलाया जाता है. जिसके परिणाम बहुत ही ख़तरनाक होते हैं.

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जी हां, Umass Amherst (University Of Massachusetts At Amherst) में Richard Pilsner की अध्यक्षता हुए एक अध्ययन से इस बात का खुलासा हुआ है कि Sperm Maturation (शुक्राणु परिपक्वता), जो 72 दिनों की एक प्रक्रिया है, पर इस Phthalates कैमिकल का बुरा असर पड़ता है. Phthalates कैमिकल उन प्रोटीन्स के कमजोर करते हैं, जो Genetic Material को बनाते हैं.

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इस वजह से ये पुरुषों में बनने वाले शुक्राणुओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और संभावित रूप से उनकी व्यवहार्यता को प्रभावित कर सकता है. इसका परिणाम ये होता है कि व्यक्ति का स्पर्म काउंट कम और कमज़ोर होने से भ्रूण बनने में दिक्कत आ सकती है. हालांकि, अभी इस पर और भी कई शोध होने बाकी हैं. क्योंकि अभी भी ये स्पष्ट नहीं है कि शुक्राणुओं पर Phthalates का क्या सटीक प्रभाव होता है और क्या ये जन्म के बाद बच्चों के शुरुआती विकास को प्रभावित करता है.