मनोविकृत लोग या जिन्हें अंग्रेज़ी में कहते हैं ‘Psychopath’ में कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिलते हैं जिनसे समझ में आता है कि इनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है. जैसे अगर आप संवेदना, पश्चाताप या डर का बोध कम करते हैं तो शायद आपकी पर्सनालिटी में कुछ गड़बड़ है. स्किज़ोफ्रेनिआ भी एक तरह की बीमारी है जिसमें व्यक्ति वास्तविकता और कल्पना के बीच अंतर नहीं समझ पता है और उसे मतिभ्रम होने लगते हैं. वैसे तो डॉक्टर की राय लेना ही समझदारी है लेकिन कई शोधों के बाद ये कुछ मूलभूत लक्षण सामने आये हैं जिनसे पता चलता है कि शायद आप मनोरोगी हैं.

1. मनोरोगियों की सूंघने की शक्ति कमज़ोर होती है

मनोरोगियों की कार्यशीलता कमज़ोर होती है जो उन्हें भविष्य की योजना बनाने में, अपनी उत्तेजना को नियंत्रण में रखने में और सूंघने की शक्ति पर असर डालती है. सिडनी की एक यूनिवर्सिटी द्वारा किये गए शोध में ये पता चला कि कई तकरीबन 79 मनोरोगियों की सूंघने की शक्ति कमज़ोर थी.

2. कई इंटरनेट ट्रॉल्स साइकोपैथ होते हैं

कैनेडा के कुछ मनोवैज्ञानिकों ने सर्वे कर के जाना कि इंटरनेट पर फालतू की बकवास करने वाले कई ट्रोल मनोरोगी होते हैं. उनमें सादवादी, कपटी, धूर्त और मनोविकृत प्रवर्त्तियां देखने को मिलती हैं.

3. मनोरोगियों को संवेदना का आभास नहीं होता है

अपने को दूसरे की परिस्थिति में देखने का स्वभाव हर मनुष्य में होता है, लेकिन कई मनोरोगी अपनी संवेदनाओं को दबा लेते हैं. इस हद तक कि उन्हें किसी के दर्द का आभास नहीं होता है.

4. जिन लोगों की तर्जनी उंगली, रिंग फिंगर से लंबी होती है

क्लीनिकल एनाटोमी की एक स्टडी में ये पाया गया है कि जिन लोगों की तर्जनी उंगली, अनामिका से बड़ी होती है वो स्किज़ोफ्रेनिआ के शिकार हो सकते हैं. सैकड़ों स्किज़ोफ्रेनिक मरीज़ों की उंगली देखने पर ये ज्ञात हुआ है.

5. सामाजिक मनोरोगी अपने अहम् को प्रोत्साहन देने के लिए अच्छे काम करते हैं

दुनिया के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक, जेम्स फैलन ने अपने ऊपर कुछ डीएनए टेस्ट किये जिससे सामने आया कि वो मनोरोगी हैं, लेकिन वो समाज कल्याण के लिए भी बहुत से कार्य करते रहते हैं. इस तरह के मनोरोगी अच्छे कार्य इसलिए नहीं करते क्योंकि वो भले इंसान हैं, इसलिए करते हैं क्योंकि दुनिया के सामने उनकी भली छवि बनी रहे. ऐसा कर के वो अपने अहम् को प्रोत्साहित करते हैं. ऐसे लोग चालाक और ज़रुरत से ज़्यादा प्रतिस्पर्धात्मक होते हैं.

6. साइकोपैथ व्यापार करने के बहुत इच्छुक रहते हैं

2010 में मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम में हुई एक स्टडी में ये पाया गया था कि 25 में से 1 व्यक्ति मनोरोगी था. सामान्य जन की तुलना में ये संख्या चार गुना ज़्यादा थी.

7. ये हॅालो मास्क ऑप्टिकल भ्रम स्किज़ोफ्रेनिक लोगों पर काम नहीं करेगा

इस वीडियो में आप खोखले मास्क को घूमते हुए देख सकते हैं, लेकिन जैसे ही वो घूमता है तो एक और उभरा हुआ चेहरा सामने आ जाता है. ये एक तरह का ऑप्टिकल भ्रम है. न्यूरोसाइंटिस्ट ये कहते हैं कि जिन लोगों को स्किज़ोफ्रेनिआ होता है उन पर ये भ्रम काम ही नहीं करता.

8. मनोरोगियों को डर कभी नहीं डराता

मनोरोगियों के दिमाग का हिस्सा जिसे ‘Amygdala’ कहते हैं वो सामान्य लोगों के मुकाबले पतला और छोटा होता है. यही हिस्सा आपको डर का आभास करवाता है. यही कारण है कि मनोरोगियों को डर का धारणा ही समझ में नहीं आती. अगर वो कोई गलत काम करते हैं तो उन्हें उसका भय नहीं होता है.

9. अगर आप ‘Ummmm’ या ‘Uhhhhh’ ज़्यादा करते हैं तो शायद आप मनोरोगी हैं

ये सुनने में बहुत अटपटा लगता है लेकिन कई रिसर्च ये बताती हैं कि अगर आप बोलते वक़्त ‘Ummm’ या ‘Uhhhh’ ज़्यादा करते हैं तो शायद आप साइकोपैथ हो सकते हैं. इसके पीछे लॉजिक ये है कि इन आवाज़ों को ‘dysfluencies’ कहते हैं, जिसका अर्थ ये है की आप अपना मानसिक संतुलन बनाने के लिए समय ले रहे हैं.

क्या इनमें से कोई लक्षण आप में भी हैं?