पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया. इस भीषण आग ने न सिर्फ़ कई लोगों को बेघर कर दिया, बल्कि कई बेज़ुबान जानवरों की जान भी ले ली. फ़िलहाल, वहां राहत कार्य जारी है और हर शख़्स वहां के लोगों की मदद की कोशिश कर रहा है. ऐसे में एक सिख महिला की कहानी भी सामने आई है. 

वो सिख महिला जिसने बुशफ़ायर से परेशान लोगों के लिए भारत की अपनी यात्रा रद्द कर दी. रिपोर्ट के अनुसार, 35 साल की सुखविंदर कौर मेलबर्न की रहने वाली हैं. वो करीब 10 साल बाद भारत आने वाली थीं, लेकिन अब वो भारत नहीं आ रही हैं. उन्होंने ये फ़ैसला इसलिए किया ताकि वो बुशफ़ायर से पीड़ित लोगों के लिये खाना बना सकें. सुखविंदर कौर की बहन कोमा में है और वो उससे मिलने के लिये इंडिया आने वाली थीं. पर उन्होंने अपनी निजी दिक्कतों को दरकिनार करते हुए, विस्थापित लोगों को खाना बना कर खिलाना उचित समझा. 

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सुखविंदर कौर हर दिन लगभग 1000 लोगों के लिए खाना बना रही हैं. सुखविंदर 31 दिसंबर से बैर्न्सडेल ओवल में कैंप कर रही हैं, जिसके ज़रिये वो लोगों की मदद कर रही हैं. सुखविंदर सुबह से खाना बनाना शुरू करती हैं और ये काम रात के 11 बजे तक जारी रहता है. 

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इस बारे में बात करते हुए कौर कहती हैं, ‘मैंने महसूस किया है कि मेरा पहला कर्तव्य ये है कि मैं यहां अपनी कम्यूनिटी के लिये काम करूं. मैं यहां काफ़ी समय से रह रही हूं. अगर इस समय मैं अपने लोगों को छोड़ कर जाती हूं, तो मैं कभी ख़ुद को अच्छा इंसान नहीं कह पाती. ये मेरा परिवार हैं. इन सबके प्रति मेरी ज़िम्मेदारी है.’ 

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मेलबर्न की रहने वाली कौर को लोगों की सेवा करके अच्छा महसूस होता है. खाना वेस्ट न हो कर जब किसी कम्यूनिटी के लोगों के लिये इस्तेमाल होता है, तो ये चीज़ उन्हें अच्छा फ़ील कराती है. सुखविंदर की रसोई में उनकी मदद करने के लिये चार अन्य लोग भी हैं और उनका कमरा ठीक किचन के बगल में है. 

सुखविंदर के हौसले और नेक कार्य की जितनी तारीफ़ की जाये कम है. इंसानियत को ज़िंदा रखने के लिये दुनिया को ऐसे ही लोगों की ज़रूरत है. 

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