पत्रकारिता को अंग्रेज़ी में ‘Noble Profession’ कहा जाता है. एक दौर था जब पत्रकारों ने दुनिया के कई देशों की आज़ादी में अहम भूमिका निभाई थी, ये हम नहीं इतिहास की किताबें कहती हैं. आज की पत्रकारिता ‘बिकाऊ पत्रकारिता’ कहलाती है. आज वो वक़्त आ गया है कि अख़बारों को ‘No Negative Monday’ जैसे दिन मनाने पड़ रहे हैं.

सवाल ये है कि समाज में बुराईयां तो पहले भी थी, तो फिर अचानक से नकारात्मक ख़बरों की बाढ़ कैसे आ गई. जवाब भी हम ही हैं. जब दर्शक ही भूत-प्रेत, रेप, हत्या की तस्वीरें देखने में दिलचस्पी दिखाएंगे तो ज़ाहिर है मीडिया भी वही परोसेगी, आख़िर रुपयों का सवाल है!

अपने आस-पास फैली बुरी ख़बरों से तंग होकर ट्विटर यूज़र Jacob Atkins ने सकारात्मक ख़बरों की एक लिस्ट तैयार की है. ये वो सकारात्मक ख़बरें हैं जो इस साल घटी हैं. आतंकवाद, प्राकृतिक आपदा, ट्रम्प, मोदी से घिरी ख़बरों के बीच शायद ही इन ख़बरों पर किसी की नज़र पड़ी हो. Jacob पत्रकारिता पर दोषारोपण नहीं कर रहे, उनका सिर्फ़ ये कहना है कि पत्रकार सिर्फ़ नकारात्मक ख़बरें ना फैलाएं.

जब दुनिया के अधिकतर लोग बुरी घटनाओं और ख़बरों पर ध्यान दे रहे थे. इस बंदे ने 2017 में घटी अच्छी घटनाओं को पोस्ट करने का ज़िम्मा उठाया.

1. वैज्ञानिकों ने Great Barrier Reef की Rebreeding का तरीका ढूंढ निकाला है.

2. Amazon के नए Headquarter में 200 बेघरों के रहने की जगह भी होगी.

3. Snow Leopard अब Endangered जानवरों की सूची से बाहर है.

4. HIV/AIDS अफ़्रीका के बाशिंदों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण नहीं है.

5. Honey Bee की जनसंख्या 27% बढ़ी है. शोधकर्मियों ने एक ऐसा कीटनाशक भी बनाया है जिससे Honey Bee की मृत्यु नहीं होती.

6. अर्जेंटिना में एक ऐसी जूतों की फ़ैकट्री है, जो Recycled टायर्स से जूते बनाती है. इस फ़ैक्ट्री में सिर्फ़ गांव की औरतें ही काम करती हैं.

7. Conservationists, आने वाले 6 सालों में Amazon वर्षावन में 73 मिलियन पेड़ लगाने के लिए राज़ी हो चुके हैं. न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री ने अगले साल 100 मिलियन पेड़े लगाने का निश्चय किया है.

8. यक़ीन करना मुश्किल है. लेकिन इस साल क्राइम दर में 2.7% की गिरावट हुई है.

9. बाल मज़दूरी दर सन् 2000 से आधी हो गई है.

10. Lexington Kentucky में जिन्हें पार्किंग Fine देनी पड़ती है वे अपना Fine Food Bank में खाना दान करके भी भर सकते हैं.

दुनिया में सिर्फ़ बुरा या ग़लत नहीं हो रहा, ज़रूरत है तो अच्छाई बताने वाली आंखों की.

Source- Bored Panda