इसे बॉलीवुड फ़िल्मों का असर ही कहिये कि आज जिम में लड़कों से ले कर लड़कियां तक पसीना बहाते हुए नज़र आते हैं. कुछ सालों पहले तक लोगों के अंदर जिम का इतना क्रेज़ नहीं था, जितना कि आज दिखाई देता है. बॉडी बनाने के इस शौक में छोटे शहरों के लड़के भी पीछे नहीं है, जो अनट्रेंड ट्रेनर की सलाह पर एक्सरसाइज़ और डाइट चार्ट को फ़ॉलो करने लगते हैं. इन अनट्रेंड जिम ट्रेनर्स को बॉडी बनाने का सबसे आसान रास्ता जिम में जम कर पसीना बहाना और स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल लगता है, जिस पर लड़के भी आंख बंद करके भरोसा कर लेते हैं.
पर शायद इन लड़कों को नहीं पता होता कि उनके ‘जिम वाले भईया’ या ‘गुरु’ जी का अधूरा ज्ञान किस तरह उनके शरीर के साथ खेल रहा होता है. आमतौर पर इन स्टेरॉइड्स की शुरुआत Anadrol और Dynabol जैसे ड्रग्स के साथ होती है, जो आपके वजन को एकदम से बढ़ाने का काम करती है. यदि आप मोटे हैं, तो आपको फैट बर्नर के नाम पर कुछ गोलियां खिलाई जाती हैं, जिससे आपका वजन कम होने लगता है. इन ड्रग्स के इस्तेमाल से आपके वज़न में तो फ़र्क दिखाई देने लगता है, पर आपका हाइड्रेशन लेवल भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं रहता, जिस पर कोई ध्यान नहीं देता.
आज हम आपको कुछ ऐसे ही स्टेरॉइड्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपके जिम वाले भईया और गुरु जी अकसर लेने की सलाह देते हैं, वो भी बिना ये जाने कि इसका आपके शरीर पर क्या असर होगा.
Testosterone Injection
आमतौर पर जिन ट्रेनर जिन स्टेरॉइड्स को लेने की सलाह देते हैं, उनमें Testosterone Injection भी एक है, पर शायद ट्रेनर ये नहीं जानते कि Testosterone एक हार्मोन है, जो हमारे शरीर में ही बनता है.
असर: इंजेक्शन द्वारा Testosterone लेने से शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है, जिसका असर बॉडी ग्रोथ पर बेशक दिखाई देता हो, पर इससे प्राकृतिक रूप से शरीर में इसके उत्पादन पर असर पड़ता है और ये बनाना बंद हो जाता है. यदि बाद में किसी तरह से ये बन भी जाता है, तो इसकी क्वालिटी पर फ़र्क पड़ता है.
खाने वाली गोलियां स्टेरॉयड नहीं होतीं
ये एक कोरा मिथ है, जिसे जिम ट्रेनर के साथ-साथ लड़के भी मानते हैं. उनका मानना होता है कि ये गोलियां विटामिन की होती है, जिससे फ़ायदा ही होता है.
असर: भईया अब ऐसे लोगों को कौन समझाए कि शरीर में किसी भी फॉर्म में फ़ालतू के विटामिन या प्रोटीन ज़बरदस्ती डालना ड्रग्स ही तो है. ये ड्रग्स जेल से ले कर इंजेक्शन तक के रूप में मार्केट में उपलब्ध है.
थोड़े-थोड़े टाइम के बाद इन्हें लेने से शरीर पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.
पता नहीं वैसे ऐसे कौन से ट्रेनर हैं, जो ऐसी सलाह देते हैं कि 3 महीने के गैप के बाद आप फिर से स्टेरॉइड्स ले सकते हैं.
असर: असल बात ये है कि ऐसा करके भी आप अपनी नेचुरल बॉडी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. अब बुरी चीज़ें, तो बुरी ही होती हैं, चाहे आप उसे कुछ वक़्त बाद लें या पहले.
एक बार बॉडी बनने के बाद स्टेरॉयड को छोड़ना
अगर आप भी यही कहते हैं कि ‘बस यार एक बार बॉडी बन जाए फिर स्टेरॉइड्स से तौबा कर लूंगा’, तो कसम से दोस्त आप अब अभी अपनी सिगरेट वाली आदत को नहीं भूल पाए हैं, जिसके बारे में आप कहा करते थे कि ‘ये तो बस शौक है, इसे आदत थोड़ी न बनाना है.’ अगर आप प्रोफ़ेशनल हैं, तो कोई बात नहीं, वरना ये आदत आपका आसानी से पीछा नहीं छोड़ने वाली.
थोड़ी मात्रा में ये सही है
अब पहली बात तो ये है कि गलत थोड़ा हो या ज़्यादा. गलत, गलत ही होता है. ऐसा ही कुछ स्टेरॉइड्स के साथ भी होता है कि इसकी थोड़ी मात्रा भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है.
Nandrolone Decanoate (Deca) पूरी तरह से सुरक्षित है.
जिम जाने वाले लड़के इस Deca नाम से अच्छी तरह से वाकिफ़ होंगे. इसके बारे में ट्रेनर की राय होती है कि Anaemia और जोड़ों के दर्द की शिकायत में ये इस्तेमाल होता है. एक हद तक उनकी ये बात ठीक भी है, पर शायद वो ये भूल जाते हैं कि डॉक्टर बीमारी की सूरत में ही इन्हें किसी मरीज को रेफ़र करता है.
अब भईया आपका अपना शरीर है किसी भी तरह से इस्तेमाल कीजिये. चाहे तो जिम वाले गुरु जी की मानिये या फिर फैक्ट्स के साथ अपने डोले-शोले बढ़ाइए.