दुनिया में हर तरह के लोग मिल जाएंगे, बस इस भीड़ में ईमानदार लोगों का मिलना ही काफ़ी मुश्किल है. दरअसल, बात ये भी है कि भ्रष्टाचार से भरे इस ज़माने में सबके लिए ईमानदारी की कल्पना करना थोड़ा मुश्किल है. हांलाकि, अब ऐसा भी नहीं है कि दुनिया में सभी लोग पैसे के पीछे ही भागते हैं, क्योंकि कुछ ऐसे भी हैं जिनके लिये ईमानदारी ही उनकी सबसे बड़ी दौलत है.  

आइये मिलते हैं कुछ नेक और ईमानदार लोगों से: 

1. सोनू पनीग्रही 

26 साल के ऑटो चालक सोनू पनीग्रही ने एक पैसेंजर के बैग को ईमानदारी से लौटा दिया था, जिसमें लगभग 1 लाख रुपये की कीमत के सोने के गहने रखे हुए थे. ईमानदारी का ये किस्सा मुंबई का था.

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2. रामुलू  

ये ख़बर हैदराबाद के गाचीबौली से आई थी, जहां ऑटोरिक्शा ड्राइवर जे.रामुलू ने पैसेंजर्स के 10 लाख रुपए लौटाकार ईमानदारी का धर्म निभाया. इस पर बात करते हुए ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने कहा, ‘मैंने बैग खोला और देखा कि बैग नोटों से भरा है. मैं डर गया. मैं Jubilee Bus Station पहुंच चुका था. मुझे याद आया कि जिन दो पैसेंजर्स को मैंने श्री राम नगर कॉलोनी छोड़ा था, ये उन्हीं का बैग होगा. मैं वापस वहां पहुंचा, जहां वे ऑटो से उतरे थे.’


इसके बाद दोनों पैसेंजर, के.प्रसाद और के.किशोर पुलिस के साथ उसी जगह पर थे. रामुलू ने पुलिस की मौजूदगी में दोनों को कैश वापस किया.  

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3. पाकिस्तान  

पाकिस्तान के रहने वाले ज़ीशान के ट्वीट के मुताबिक, 2015 में ज़ीशान के घर से सोने के झुमके खो गए थे. तीन साल पुरानी इस बात को वो भूल चुके थे, लेकिन एक ईमानदार मज़दूर ने कुछ समय पहले ही उन्हें घर से खोये झुमके लाकर दिए. ये झुमके उस मज़दूर को उनके पड़ोस में चल रहे कंस्ट्रक्शन के दौरान मिले थे. 


यही नहीं, मजदूर की साफ़ नियत देखते हुए जब ज़ीशान के परिवार ने उसे ईनाम देने की कोशिश की, तो उसने कुछ भी लेने से मना कर दिया.   

4. अविनाश भोकरे 

पुणे के अविनाश की ऑटो में बैठा एक ग्राहक अपना बैग उसी ऑटो में भूल गया. इसके बाद अविनाश ने उसे ढूंढने की काफ़ी कोशिश की, लेकिन वो उसे कहीं नज़र नहीं आया. वहीं ऑटो चालक ने देरी न करते हुए, तुरंत पुलिस स्टेशन जाने का फ़ैसला लिया और बैग पुलिस को सौंप दिया. पुलिस स्टेशन में तैनात शेखर कौटकर और मोहन मलगुंडे ने जब बैग खोल कर देखा, तो उसमें से चार लाख रुपये का चेक, एक डायरी, कम्प्यूटर और मिलिंद पटेल नामक शख़्स का मोबाइल नबंर मिला, जिस पर फ़ोन करने पर पता चला कि वो बैग उनके दोस्त युवराज माने का है. इसके बाद पुलिस ने युवराज माने से संपर्क कर वो बैग उन्हें दे दिया. 

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5. सिद्धार्थ मेहता  

दिल्ली के रहने वाले गुरप्रीत सिंह मेट्रो में सफ़र के दौरान कुछ ज़रूरी कागज़ात वहीं भूल गये थे. इसी के साथ ही उन्होंने गुम हुई चीज़ों के मिलने की उम्मीद भी खो दी थी. वहीं जब कुछ समय बाद पार्सल के ज़रिये, उन्हें उनकी खोई हुई चीज़ें वापस मिली, तो गुरप्रीत की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. ये पार्सल सिद्धार्थ मेहता ने किया था, जिसके बाद गुरप्रीत ने सिद्धार्थ के लिये फ़ेसबुक पर एक शुक्रिया पोस्ट भी लिखा और हर तरफ़ सिद्धार्थ की तारीफ़ हुई.  

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6. मदन सिंह 

7 जनवरी 2017 को दिल्ली के रहने वाले जगप्रीत सिंह का पर्स निज़ामुद्दीन खाटा के पास खो गया था. वहीं जब उन्होंने घर आकर वॉलेट सर्च किया, तो न मिलने पर वो परेशान हो गये. कुछ समय बाद जगप्रीत को सब-इंस्पेक्टर मदन सिंह का फ़ोन आया और बताया कि वो पर्स उनके पास है. मदन सिंह ने विज़िटिंग कार्ड के जरिए जगप्रीत से संपर्क किया था और उन्होंने इसे वहीं से ले जाने को कहा, जहां पर्स खोया था. जगप्रीत के पर्स में विदेशी करेंसी सहित करीब 50 हज़ार रुपये थे. इसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा ज़रूरी पहचान पत्र भी रखे थे.  

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7. दिलीप पोद्दार 

दिलीप पोद्दार सूरत के उमरा में साड़ी के एक शोरूम में बतौर सेल्समैन काम करते हैं. बीते शुक्रवार जब वो लंच करके काम पर वापस लौट रहे थे, तभी उसे सड़क किनारे एक बैग पड़ा मिला, जिसमें लगभग 10 लाख रुपये थे. इसके बाद उन्होंने इस बारे में तुरंत अपने मैनेजर को बताया. मैनेजर ने उसे तब तक उस बैग को संभाल कर रखने की सलाह दी, जब तक मालिक का पता नहीं चल जाता.


पुलिस की खोजबीन के बाद सड़क पर मिला बैग एक जौहरी का निकला, जिसने ईनाम स्वरूप दिलीप को 2 लाख रुपये दिये.   

cdn

8. एस के रेड्डी  

कॉन्स्टेबल एस के रेड्डी रोहिणी सेक्टर 18 मेट्रो स्टेशन चेकिंग पॉइंट पर ड्यूटी कर रहे थे, तभी उनकी निगाह बैगेज स्कैनर के आउटपुट रोलर के पास पड़े एक बैग पर पड़ी. रेड्डी ने बैग की सूचना अपने शिफ़्ट इंचार्ज को दी और जांच के बाद पता चला कि बैग साहिबाबाद के रहने वाले सदाशिव नाम के एक शख़्स का है, जो जल्दबाज़ी में अपना बैग स्कैनर पर भूल गया था. सभी जांच पूरी करने के बाद बैग सदाशिव को सौंप दिया गया, जिसमें 50 हज़ार रुपये थे. खोये पैसे मिलने के बाद शख़्स ने सीआईएसएफ़ स्टाफ़ को दिल से शुक्रिया कहा. 

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