अपने देश की संस्कृति पर हम गर्व करते हैं. सदियों से हमने ही दुनिया को सही रास्ता दिखाया है. ख़ुद पर गर्व करने की होड़ में हम अपनी ख़ामियाँ बहुत ही आसानी से नज़रअंदाज़ करते हैं.

भारत विविधताओं, सभ्यता, संस्कृति का देश है पर यहां हर क़दम पर फैले जजमेंट्स, भेद-भाव, उलाहनों के जाल हमें कई मायनों में आगे बढ़ने नहीं देते. रूढ़िवादी सोच और परंपराएं इंसानों को आज भी मज़बूती से जकड़े हुए हैं.  

Deccan Chronicle

जिस संस्कृति की हम गवाही देते हैं उस संस्कृति ने सदियों पहले ही किन्नरों को अपनाना और उनका सम्मान करना सीख लिया था. तो फिर क्या वजह है कि आज हम LGBTQ+ समुदाय को अपना नहीं पा रहे हैं.

कुछ लोग हैं जिनके आगे ये समस्याएं ख़ुद ब ख़ुद झुकती हैं और उनके लिए रास्त बनाती हैं. ऐसी ही एक शख़्सियत हैं, नाज़ जोशी. एक रिपोर्ट के अनुसार, नाज़ भारत की पहली ट्रांसजेंडर ब्यूटी क्वीन हैं.   

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कौन है नाज़? 


Miss Universe Diversity 2020 का खिताब नाज़ ने अपने नाम किया है. इस प्रतियोगिता में 30 देशों ने हिस्सा लिया था. नाज़ का ये पहला अवॉर्ड नहीं है, इस अवॉर्ड को मिलाकर नाज़ ने 6 ब्यूटी कन्टेस्ट जीते हैं. 
कोविड- 19 की वजह से 2020 का ये Pageant ऑनलाइन आयोजित किया गया. प्रतिभागियों को कई टास्क दिए गए थे. नाज़ ने ग्रामीण महिलाओं को शिक्षित और आत्म-रक्षा सिखाने का टास्क चुना.  

मुश्किलों भरी ज़िन्दगी 


31 दिसंबर, 1984 को पैदा हुईं नाज़ को उसके परिवार ने अकेला छोड़ दिया था. 

नाज़ को Sex Reassignment Surgery के लिए पैसे इकट्ठा करने में काफ़ी परेशानियां आईं. वो इस सर्जरी में बिल्कुल अकेली थीं.  

Social Connoisseurs
18 वर्ष की आयु तक कई लोगों ने मेरे साथ मोलेस्टेशन किया. मेरे शिक्षक, Cousins, अंकल बहुत से लोगों ने मेरा शोषण किया. 

-नाज़ जोशी

इन सबके बावजूद नाज़ ने अपनी पढ़ाई पूरी की. नाज़ की Cousin बहन ने मदद की और आज नाज़ के पास NIFT और IMT ग़ाज़ियाबाद की डिग्री है.  

मेरे पिता मुझ से बात नहीं करते, मेरी पहचान की वजह से मेरी मां मुझे मारती, उन दोनों के लिए मैं श्राप हूं. हम किसी से भी अब्यूज़ झेल सकते हैं लेकिन जब आपका परिवार ही अब्यूज़र हो तो ये और दर्द देता है. 

-नाज़ जोशी

यूं मिला परिवार 


नाज़ के परिवार ने उन्हें नहीं अपनाया पर नाज़ ने अपना परिवार ख़ुद बनाया. नाज़ ने दो बच्चियों को गोद लिया. 

मुझे अगर कहीं से सच्चा प्यार मिल सकता है तो वो है मेरे बच्चों से. 

-नाज़ जोशी

Pink Villa

यहां से मिलता है उत्साह 


अपनी आवाज़ दूसरों तक पहुंचाने के लिए, बदलाव लाने के लिए नाज़ कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती हैं. ऐसा करने के लिए भी प्रेरणा और उत्साह की ज़रूरत है. 

मैं हमेशा से एक ताज पाना चाहती थी इसलिए मैंने प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया. मैंने सबसे पहले Miss United Nations, Jamaica में हिस्सा लिया. मैंने अब तक 6 ताज अपने नाम किये हैं. मैं चाहती हूं कि लोग मुझे जानें और मेरा सपोर्ट करें. मेरे पास इतनी शक्ति हो कि मैं ग़लत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा सकूं. 6 अवॉर्ड्स जीतने के बावजूद भारत में मैं एक आम आदमी की ही ज़िन्दगी जीती हूं. 

-नाज़ जोशी

हम जैसे हैं हमें वैसे अपनाओ. स्कूल लेवल पर ही Gender Sensitisation प्रोग्राम्स शुरू करने होंगे, बच्चों को ये पढ़ाना होगा कि हम सभी एक हैं. मेरी दिली ख़्वाहिश है कि इस समाज में समानता हो. ट्रांसजेंडर मॉडल्स को मॉडलिंग के पैसे मिलें. 

-नाज़ जोशी

Transgender Feed

नाज़ ने ये भी बताया कि इतने सारे टाइटल जीतने के बाद, IMT से पोस्ट-ग्रैजुएट होने के बावजूद उनके पास काम नहीं है. नाज़ ने बताया कि वो Milaap Fundraiser के ज़रिए और सुबह भीख मांगकर गुज़ारा कर रही हैं.