इतिहास के पन्नों में बहुत सी ऐसी रानियों के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने अपनी शक्ति से एक नया अध्याय लिखा है. इन्हीं रानियों में एक रानी अमीना भी आती हैं. उन्होंने ज़िम्मेदारियों का निर्वाहन कर अपने साम्राज्य का विस्तार किया.
ज़ाज़ाऊ यानि ‘ज़रिया’ साम्राज्य का विस्तार
कहा जाता है कि रानी अमीना ने ‘ज़रिया’ को कुछ इस तरह विकसित किया, जो उनकी पीढ़ी में कोई नहीं कर सका था. रानी अमीना युद्ध कौशल में निपुण थी. यही कारण था कि उन्होंने अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए कई युद्धों में विजय हासिल की. ज़रिया की रानी ने अपने तेज़ दिमाग़ और ताक़त का इस्तेमाल कर वहां किले बंदी से लेकर व्यापार तक का विस्तार किया.
कडूना के जाज़ा क्षेत्र में हुआ था जन्म
रानी अमीना का जन्म 1533 में कडूना के जाज़ा क्षेत्र में हुआ था. उनकी मां का नाम रानी बकवा द हाबे था, जो अमीना के दादा हाबे ज़ज्जाऊ नोहिर की मौत के बाद से ज़ाज़ाऊ साम्राज्य की देख-रेख कर रहीं थीं. अमीना ने छोटी सी उम्र से ही सैन्य के क्षेत्र में ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था. वो अपने दादा के साथ सरकारी मामलों में भी भाग लेने लगी थीं.
अमीना का छोटा भाई बना था साम्राज्य का शासक
1566 में अमीना की मृत्यु के बाद उनके भाई करामा को ज़ाज़ाऊ साम्राज्य का नया शासक बना दिया गया. भाई के शासलकाल में अमीना ने ज़ाज़ाऊ कैल्वेरी और मिलिट्री में एक बहादुर योद्धा के तौर पर अपनी पहचान स्थापित की. इस दौरान उन्होंने धन और शक्ति दोनों दोनों ही पाये. पर साल 1576 में करामा की मृत्यु हो गई, जिसके बाद अमीना को साम्राज्य की नई हाबे के तौर पर चुना गया.
हाबे बनते ही उन्होंने सबसे पहले ज़ाज़ाऊ से जुड़े सभी व्यापार मार्गों का विस्तार किया. इसके साथ ही उन्होंने व्यापार करने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का वादा भी किया. नई हाबे ने न सिर्फ़ साम्राज्य की सीमा को बढ़ाया, बल्कि उसे पहले से ज़्यादा मज़बूत भी बनाया.
20 हज़ार लोगों की विशाल सेना का किया नेतृत्व
अपने शासनकाल में अमीना ने 20 हज़ार लोगों की विशाल सेना का नेतृत्व किया था. इसके साथ ही उन्होंने जीते हुए शहरों का विलय अपने राज्य में कर लिया था. ये भी कहा जाता है कि अमीना जिस राज्य को हराती, उसके एक सैनिक के साथ रात गुज़ारती और सुबह होने के बाद मार डालती. वो भी इसलिये ताकि वो किसी इंसान को अमीना के बारे में न बता पाये.
इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि उन्हें अपनी शक्ति खोने का डर था, इसलिये उन्होंने कभी शादी नहीं की. लगभग 34 सालों तक अमीना ने ज़ाज़ाऊ पर राज किया. इसके साथ ही उन्हें ‘वाल्स ऑफ़ अमीना’ के लिए भी जाना जाता है. यही नहीं, उन्होंने आखिरी दम तक अपनी वीरता का प्रदर्शन किया. वो नाइजीरिया के बिदा में लड़ते-लड़ते शहीद हो गई थीं.
आप लागोस राज्य के नेशनल आर्ट्स थिएटर में रानी अमीना की प्रतिमा देख सकते हैं.