2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स तो याद होंगे आपको? खेल से ज़्यादा इसकी तैयारियों के चर्चे थे. इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय खेल का आयोजन कराना किसी भी देश के लिए गर्व की बात होती है. इस गौरव के साथ ही उस देश के पास पूरे खेल को कुशलता से संपन्न कराने की भी ज़िम्मेदारी होती है. भारत में भी इसकी तैयारियों के साथ-साथ इसके प्रचार में भी खूब पैसे बहाए गए थे.
इसी तरह ताईवान की राजधानी ताइपे इन दिनों अपने यहां होने वाले Summer Universiade की तैयारियों और प्रचार में लगा हुआ है. ताईवान के सब-वे कारों (इसे आप हमारे यहां कि मेट्रो ट्रेन की तरह समझ सकते हैं) को पूरी तरह किसी खेल-स्थल का रूप दे दिया गया है. ये डिज़ाईन्स इतने रियलिस्टिक हैं कि इनमें घुसते ही आपको लगेगा कि आप सचमुच किसी स्विमिंग पूल में आ गए हैं या फुटबॉल के किसी मैदान में खड़े हैं. लोग भी इन सब-वे कार्स के नए लुक का खूब लुत्फ़ उठा रहे हैं.
ट्रेन के अंदर स्विमिंग पूल




ये फुटबॉल के मैदान की घास नहीं, सब-वे का फ़्लोर है



लगाओ रेस


सब-वे Cars के मेकओवर का ये प्रोजेक्ट इज़ी कार्ड कॉरपोरेशन और टूरिज़्म ब्यूरो ऑफ़ ताईवान ने मिलकर पूरा किया है. Universiade, ओलम्पिक के बाद ये दूसरी सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धा है.