Success Story of Unacademy Founder Roman Saini: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी बनाना हर भारतीय का सपना होता है. सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा भारत की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है. देश में हर साल लाखों युवा IAS और IPS अधिकारी बनने का सपना लेकर सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा में बैठते है. इस कठिन परीक्षा को पास करने के लिए युवा सालों तक कड़ी नेहनत करते हैं, लेकिन परीक्षा देने वाले लाखों युवाओं में से सपने किसी-किसी के ही साकार हो पाते हैं. सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा जितनी मुश्किल होती है एक IAS अधिकारी की नौकरी भी उतनी ही चुनौतीपूर्ण होती है.

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आज हम आपको एक ऐसे ही एक युवा की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा की और IAS अधिकारी भी बना. लेकिन बाद में नौकरी इसलिए छोड़ दी क्योंकि उसे अपना कोई और सपना पूरा करना था. इस शख़्स का नाम रोमन सैनी (Roman Saini) है, जो राजस्थान के रहने वाले हैं. आज हम रोमन सैनी की बात इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि इस बंदे में कुछ ख़ास बात है.

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Success Story of Unacademy Founder Roman Saini

रोमन सैनी (Roman Saini) ने केवल 16 साल की उम्र में AIIMS की मुश्किल मेडिकल परीक्षा पास कर ली थी और 21 साल की उम्र में डॉक्टर बन गये थे. इसके बाद 22 साल की उम्र में UPSC की परीक्षा पास करके वो IAS ऑफ़िसर बन गये. लेकिन जल्द ही IAS अधिकारी के पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया. रोमन सैनी कोई मामूली व्यक्ति नहीं हैं. आज वो एक सफल एंटरप्रेन्योर बन चुके हैं और एज्युकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी Unacademy के को-फ़ाउंडर हैं.

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रोमन सैनी (Roman Saini) ने MBBS की पढ़ाई के बाद बतौर जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर AIIMS के NDDTC में काम किया. लेकिन रोमन यहीं नहीं रुकने वाले थे. केवल 6 महीने बाद ही उन्होंने अपनी ये नौकरी छोड़ दी और UPSC की परीक्षा की तैयारी में लग गये. 22 साल की उम्र में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में 18वीं रैंक हासिल कर सफ़लता के झंडे गाड़ दिये. इसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश में कलेक्टर के तौर पर तैनात किया गया.

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Doctor से IAS बनने की कहानी

रोमन सैनी अपने एक इंटरव्यू में बताया कि, साल 2011 मैं बतौर डॉक्टर देश भर के कई मेडिकल कैंप्स में गया तो वहां का नज़ारा देखकर महसूस हुआ कि ग़रीबी कितनी ख़तरनाक चीज़ है. 21वीं सदी में भी लोगों में सेहत, साफ-सफाई और पानी की समस्याओं को लेकर जागरूकता की कमी है. डॉक्टरी के पेशे में रहकर इन समस्याओं को दूर करना बेहद मुश्किल था इसलिए उन्होंने ‘सिविल सेवा’ में में जाने फ़ैसला किया.

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क्यों छोड़ी IAS की नौकरी

IAS अधिकारी बनने के बाद रोमन सैनी को समझ आया कि असली प्रॉब्लम हमारे एज्युकेशन सिस्टम है. जब तक ये जड़ से मजबूत नहीं होगा, तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते. ऐसे में उन्होंने IAS की नौकरी से भी इस्तीफ़ा दे दिया. दरअसल, रोमन कुछ ऐसा करना चाहते थे जिसकी वजह से देश के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. इसके बाद उन्होंने अपने दो दोस्तों गौरव मुंजाल और हेमेश सिंह के साथ मिलकर बेंगलुरु में Unacademy स्टार्टअप की शुरुआत की.

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आज ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म Unacademy युवाओं के बीच बेहद पापुलर है. इस स्टार्टप को शुरू करने का मकसद था UPSC कोचिंग के लिए छात्रों को एक आसान मंच देना, ताकि उन्हें लाखों रुपये खर्च करने की ज़रूरत ना पड़े. आज उनकी कंपनी का सालाना टर्न ओवर 15,000 करोड़ रुपये के क़रीब है और रोमन सैनी की गिनती देश के सबसे युवा अरबपतियों में होती है.

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