हिन्दू धर्म भले ही हिंदुस्तान की ज़मीन में पैदा हुआ हो, पर इसने अपने ज्ञान के प्रकाश से सारी दुनिया को रौशन किया. इसी रौशनी का प्रभाव है कि हज़ारों साल पुराना होने के बावजूद ये धर्म अपना वजूद बनाये हुए है.

हिन्दू धर्म के इसी वजूद को दर्शाने में मंदिरों का महत्वपूर्ण योगदान है, जो इसके अस्तित्व आज तक संभाले हुए हैं. हिन्दू धर्म की इसी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इस्कॉन ट्रस्ट द्वारा पवित्र नगर वृन्दावन में चंद्रोदय मंदिर का निर्माण किया जा रहा है.

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300 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा ये मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर होगा. इसकी ऊंचाई 700 फ़ीट के करीब होगी, जो पेरिस के Eiffel टॉवर से भी ज़्यादा ऊंचा होगा. इस मंदिर में करीब 70 मंजिल बनाई जाएंगी. इसके साथ ही इसमें एक Lift भी लगाई जाएगी.

इस मंदिर का शिलान्यास 2014 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में किया गया था. इस मौके पर यूपी के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मौजूद थे. इस मंदिर के डिज़ाइन की ज़िम्मेदारी Indian InGenious Studio को सौंपी गई है, जो हिन्दू मूल्य को ध्यान में रख कर बारीकी के साथ इस पर काम कर रही है.

भगवान कृष्ण को समर्पित ये मंदिर 2019 तक श्रद्धालुओं के लिए खोलने का अनुमान है. यहां आने वाले बच्चों के लिए मंदिर परिसर में एक एम्यूजमेंट पार्क भी बनाया जा रहा है. इसके साथ ही यहां हरियाली का भी ख़ास ध्यान रखा जा रहा है, जिसके लिए मंदिर के चारों तरफ़ प्राकृतिक जंगल उगाया जा रहा है, जिसमें खजूर वन, वट वृक्ष वन, तुलसी वन का विकसित होना अभी बाकी है.

यमुना किनारे बनने के कारण यहां आने वाले श्रद्धालु नाव का भी आनंद उठा सकेंगे. इसके अलावा यहां एक भगवद गीता एक्सपो की योजना भी बनाई जा रही है, जहां एक कृष्ण म्यूज़ियम होगा. यहां से लोग भगवान कृष्ण की लीलाओं के बारे में जानकारी एकत्रित कर सकेंगे. ये मंदिर पूरा होने के बाद दुनिया की सबसे ऊंची धार्मिक ईमारत होगी.