मां के बाद हमें, जो इस दुनिया को दिखाता है वो गुरु होता है. एक सच्चे दोस्त की तरह जो हमें अच्छे और बुरे का पाठ पढ़ाता है वो गुरु होता है. अगर हमारे गुरु अच्छे हों, तो स्कूल टाइम से अच्छी यादें ज़िंदगी में कुछ नहीं होतीं. स्कूल टाइम की हर बात ज़िंदगी भर याद रहती है.
जब वही यादें सामने आकर खड़ी हो जाएं, तो वो एहसास कैसा होगा? ये प्ले स्कूल की टीचर रह चुकीं सुधा सत्यन से बेहतर कोई नहीं जानता होगा. क्योंकि जो स्टूडेंट बचपन में उन्हें अपना नाम कैप्टन रोहन भसीन बताता था. आज वही पायलट के रूप में उनके सामने है. दरअसल, सुधा दिल्ली से शिकागो जाने के लिए एयर इंडिया की जिस फ़्लाइट में ट्रैवल कर रही थीं. इसका पायलट कोई और नहीं, बल्कि उनका वो नन्हां-सा 3 साल का स्टूडेंट कैप्टन रोहन भसीन था, जो अब 30 साल का हो चुका है.
बचपन में जब रोहन से सुधा जी उसका नाम पूछती थीं, तो वो कहता था, ‘कैप्टन’ रोहन भसीन. आज जब फ़्लाइट में बैठते हुए उन्होंने उसी नाम की अनाउंसमेंट सुनी, तो वो ख़ुद को रोक नहीं पाईं. उन्होंने एयर हॉस्टेस से गुज़ारिश की, कि वो पायलट से मिलना चाहती हैं. कुछ देर बाद एयर हॉस्टेस ने उन्हें पायलट से मिलवाया और ख़ुशी से उनकी आंखें छलक उठीं, क्योंकि कॉकपिट में वो पायलट कोई और नहीं उनका स्टूडेंट ‘कैप्टन’ रोहन भसीन ही था.
इस पूरे वाकये की जानकारी रोहन की मां ने ट्विटर के ज़रिए दी. उन्होंने पायलट की दो तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें एक तस्वीर 1990-91 की थी और एक इस रविवार की, जब कैप्टन रोहन और सुधा की बरसों बाद मुलाकात हुई. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, कि इत्तेफ़ाक़ की बात है कि मेरा बेटा उसी टीचर को आज अपनी फ़्लाइट में शिकागो ले जा रहा है, जिसे तीन साल की उम्र में उसने अपना नाम कैप्टन रोहन भसीन बताया था और वो सच में आज कैप्टन है.
#WarmsTheCocklesOfMyHeart….
— Nivedita Bhasin (@nivedita_bhasin) March 24, 2019
During Playschool admission, the teacher asked my son his name.
Nonchalantly he answered, “Capt Rohan Bhasin”.
And he was just 3.
And today, the same teacher was enroute to Chicago.
And he was indeed the Captain. 🤗👨✈️#StudentTeacherReunion❤️ pic.twitter.com/nGAqZSKUnF
इनके इस ट्वीट कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं.
On the front page of Mumbai TOI. Such a proud moment…https://t.co/lkkkqZVTFs pic.twitter.com/QcQ1O6CkZ8
— Shantanu Patil (@shanpati) March 26, 2019
It’s amazing how you have inspired all your children❤️
— Richa S Mukherjee (@richashrivas) March 25, 2019
निवेदीताजी रोहन और उनकी टीचर का जो अचानक मिलन हुवा जानकर खुशी हुवा। रोहन ने पायलोट बनकर आपके नाम को और रोशन किया, जब कोई सोच भी नही शकते थे तब आप भारत की पहेली महिला पायलोट बनी थी। आप हम सब के लिए साहस और शौयँ की मिसाल है।
— Chokidar Bhupendra Thakkar (@Bhupendra154) March 26, 2019
एक ही करियर में होने और मुंबई में रहने की वजह से दोनों परिवारों की अकसर मुलाक़ात होती रहती थी. सुधा सत्यन मुंबई में प्ले स्कूल चलाती थीं और उनके पति एयर इंडिया में इंजीनियर थे. वहीं, रोहन ने इंटरमीडियट के बाद पायलट ट्रेनिंग शुरू कर दी और साल 2007 में पहली बार बतौर को-पायलट हवाई करियर की शुरुआत की.
आपको बता दें, कैप्टन रोहन एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिसमें सबका रिश्ता आसमानों से रहा है. रोहन के दादा कैप्टन देव भसीन भारत के उन सात पायलटों में से एक थे, जो 1954 में कमांडर बने. रोहन के माता-पिता इंडियन एयरलाइन्स में थे और अब एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाते हैं.