मनोकामना पूरी होने के लिए या गुड लक के लिए अकसर लोग कुछ सिक्के पानी में फेंक देते हैं. हमारे देश में ये सबसे ज़्यादा होता है, जब ट्रेन गंगा या किसी दूसरी नदी के ऊपर से गुज़रती है, तो लोग प्रणाम करके सिक्का नदी में फेंकने लगते हैं. अब इससे आपकी मनोकामना पूरी होती है कि नहीं, ये तो हमें नहीं पता! पर ये ज़रूर पता है कि इससे दो गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं, पहली ये कि वो सिक्का मार्केट में नहीं जाता, इसलिए आपकी उस हरकत से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है. दूसरी समस्या ये है कि चमकते सिक्के को देख कर जलीय जीव उसे खा लेते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है. अभी कुछ दिन पहले ही थाईलैंड में पशु-चिकित्सकों ने 25 साल के एक कछुए के पेट से 915 सिक्के निकाले हैं. ये सिक्के लोगों ने पानी में अपने गुड लक के लिए फेंके थे.

इन सिक्कों के वजन से ये मादा कछुआ सही से तैर भी नहीं पा रही थी. साथ ही उसका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा था. इसके अलावा Omsin नाम की इस मादा कछुए के पेट से 5 किलो का एक बच्चों का पिग्गी बैंक भी मिला है. आपको बता दें कि इस कछुए का वजन 59 किलो है. Omsin को बैंकाक के Sriracha में एक Conservation Centre में रखा गया था. कुछ दिनों से लोगों ने इसे एक जगह सुस्त पड़ा हुआ ही पाया, तब इसकी जांच की गई. पशु-चिकित्सकों ने लगातार सात घंटों तक चले ऑपरेशन के बाद सब कुछ निकाला. चिकित्सकों के अनुसार, ये दुनिया का पहला ऐसा ऑपरेशन था.

Chulalongkorn University के Veterinary Science Faculty के प्रमुख Nantarika Chansue ने बताया कि हमें लगता है कि ये ठीक है या नहीं, इसका पता लगाने में हमें कम से कम एक महीने का समय लगेगा. इसके बाद भी Omsin को 6 महीने तक फिजिकल थेरेपी की ज़रुरत है. अभी तक सिक्कों का वास्तविक मूल्य पता नहीं चल पाया है कि क्योंकि उनमें से ज़्यादातर सिक्के तो बाहर देशों के हैं और कुछ ऐसे हैं, जो खुरच चुके हैं.

आपके सिक्का फेंकने की आदत वाकई जीवों के लिए जान का सौदा बन सकती है. अगर आपको सिक्का फेंकने का शौक है, तो किसी ज़रूरतमंद को दे दें. ऐसे फेंकने से न आपका भला होगा और न ही किसी और का. इसलिए समझदारी दिखायें.