देश की आन बान और शान ‘भारतीय सेना’ हर मुश्किल घडी में बड़ी निडरता के साथ हर वक़्त हमारी रक्षा के लिए तैयार रहती है. किसी दुश्मन देश को मुहतोड़ जवाब देना हो या फिर किसी प्राकृतिक आपदा से देश को बचाना. भारतीय सेना के जवान जान हथेली पर रखकर सबसे आगे खड़े रहते हैं.  

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किसी भी देश की सेना तभी मज़बूत मानी जाती है जब उसके पास हाईटेक हथियार हों. हथियारों के बिना युद्ध की कल्पना करना बेईमानी होगी. दुनिया के अन्य देशों की तरह ही भारतीय रक्षा सेना भी अपने घातक हथियारों के लिए जानी जाती है.  

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आज हम आपको भारतीय सेना के जवानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 10 ऐसे ताक़तवर हथियारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया के किसी भी ताक़तवर की सेना के छक्के छुड़ाने के लिए काफ़ी हैं.  

1. INS विक्रमादित्‍य 

16 नवम्बर 2013 को INS विक्रमादित्य को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. ये विमानवाहक युद्धपोत एक बार में अधिकतम 36 फ़ाइटर जेट कैरी कर सकता है. इस युद्धपोत का समुद्र में होने का मतलब 25 हज़ार किमी समुद्री सीमा का सुरक्षित होना है. इस युद्धपोत में एक साथ नौसेना के 1,600 से अधिक जवान तैनात किए जा सकते हैं. इसकी लंबाई लगभग 3 फ़ुटबॉल मैदानों के बराबर है. इसकी ऊंचाई क़रीब 22 मंजिल इमारत के बराबर है.   

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2. INS कोच्ची 

INS कोच्चि भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत है, जिसे 30 सितम्बर 2014 को नौसेना में शामिल किया गया था. ये देश में निर्मित अत्‍याधुनिक हथियारों से लेस सबसे बड़ा जंगी जहाज है. इसे खासतौर पर राडार से बच निकलने के लिए नया डिज़ाइन किया गया है. ये अपनी श्रेणी में दुनिया के सबसे बेहतरीन विध्वंसक जहाजों में से एक है. इसकी मारक क्षमता 300 किमी है. इसमें लगा इज़राइल निर्मित MF-STAR रडार सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित टारगेट को पकड़ सकता है.

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3. T-90 भीष्म टैंक 

इस विशालकाय टैंक को साल 2001 में भारतीय सेना में शामिल किया था. ये दुश्मन के एंटी टैंक मिसाइल को निष्क्रिय करने में सक्षम है. ये टैंक 125MM की गन से लैस है. इस टैंक में ऑटोमेटिक फ़ायर प्रोटक्शन सिस्टम भी लगा हुआ है. भीष्म टैंक से टकराने वाले हर तरह के विस्फोटक जैसे रॉकेट, मिसाइल, ग्रेनेड, आरपीजी निष्क्रिय हो जाते हैं. इसमें धुएं को पैदा करने वाला ग्रेनेड लांचिंग सिस्टम भी लगाया गया है. अगर दुश्मन इस टैंक पर लेजर के ज़रिए निशाना साधने की कोशिश करेगा तो ये ग्रेनेड धुंध फ़ैलाकर दुश्मन के मंसूबे पर पानी फेर देगा.

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5. सुखोई SU-30 MKI 

इस रशियन फ़ाइटर विमान को भारत ने ‘हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स’ की मदद से देश में ही बनाया है, जिसे साल 2002 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. ये टू सीटर लडा़कू विमान होते हैं, जिनकी रफ़्तार 2100 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. ये विमान 3000 किलोमीटर की रेंज में आने वाले दुश्मन के लिए मौत बनकर आते हैं.  

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5. Dragunov Sniper राइफ़ल 

भारतीय सेना के स्नाइपर इस हथियार का इस्तेमाल करते हैं. इसकी कारगर रेंज 800 मीटर है. ये राइफ़ल एक मिनट में 30 राउंड तक फ़ायर कर सकती है. ‘कारगिल युद्ध’ में भारतीय सेना के जवानों इसी हथियार के दम पर पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ाए थे. 

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6. बोफ़ोर्स तोप 

बोफ़ोर्स तोप मुख्य रुप से इंडियन आर्मी की आर्टिलरी में इस्तेमाल किया जाता है. 155MM की ये तोप 30 किमी दूर दुश्मन के ठिकानों को आसानी से तबाह करने में सक्षम है. साल 1999 में ‘कारगिल युद्ध’ दौरान भारतीय सेना की जीत में इसका प्रमुख योगदान है.

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7. ब्रह्मोस मिसाइल 

ब्रह्मोस मिसाइल को इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी और इंडियन एयरफ़ोर्स द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. ये मिसाइल 3,400–3,700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से ज़मीन या पानी की सतह से 450 किलोमीटर और हवा से 400 किमी तक मार करने में सक्षम है. ये मिसाइल 300 किलो तक विस्फोटक ले जाने में भी सक्षम है. इससे परमाणु हथियार भी लांच किया जा सकता है. 

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8. बोइंग C-17 ग्लोबमास्टर 

भारत ने साल 2013 में इसे अमेरिका से ख़रीदकर ‘इंडियन एयरफ़ोर्स’ का हिस्सा बनाया था. इसका इस्तेमाल युद्ध के हालात में जल्द से जल्द सैनिकों तक हथियार पहुंचाने में किया जाता है. ग्लोबमास्टर में लगभग 80 टन के साथ 150 सैनिकों का भार ढोने की क्षमता है. इस विमान का इस्तेमाल उत्तराखण्ड आपदा दौरान लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में किया जा चुका है.  

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9. अग्नि मिसाइल 

अग्नि मिसाइल इस मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल किया गया है. अग्नि के 6 वर्जन हैं. पहले वर्जन की मारक क्षमता 700 किमी है जबकि सबसे लेटेस्ट वर्जन अग्नि-VI की मारक क्षमता 10 हज़ार किलोमीटर तक है, इस मिसाइल से भी परमाणु हथियार लांच किए जा सकते हैं. 

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10. स्पाइक, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 

ये भारतीय सेना का पोर्टेबल हथियार है जिसका इस्तेमाल कंधे पर रख कर मिसाइल दागने में किया जाता है. इसकी फ़ायरिंग रेंज 1.5 किमी से 25 किलोमीटर तक है. ये 30 सेकंड में 1 मिसाइल दाग कर दुश्मन के टैंक को नष्ट करने में सक्षम है. एक बार तैयार होने के बाद हर 15 सेकेंड में इसे रीलोड किया जा सकता है.

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भारतीय सेना के पास इनके अलावा भी कई ऐसे हथियार हैं जिनका नाम सुनते ही दुश्‍मन के पसीने छूट जाते हैं.