अगर आप दिल्ली के रहने वाले हैं और ये सोच रहे हैं कि यहां बहुत ठंड है, तो हम कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपके पसीने छूट जाएंगे. रूस अपने जमा देने वाले ठंड के लिए दुनिया भर में मशहूर है. नेपोलियन और हिटलर की सेना ने जब इस सर्दी का सामना किया, तो उन्हें सबक मिला कि सर्दी से जीतना बड़ा कठिन है. रूस में एक गांव है Oymyakon नाम का, जिसको दुनिया का सबसे ठंडा गांव माना जाता है. 

 

 

 

इस गांव को ‘Pole of Cold’ भी कहा जाता है. जनवरी में यहां पर औसत तापमान -50 डिग्री रहता है. पर अब तक जो यहां सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है, वो है -71.2 डिग्री. ये 500 लोगों का एक छोटा सा गांव है.

 

 

 

कई घरों में गर्मी के लिए कोयला और लकड़ी जलाई जाती है. इतने ठंडे मौसम में यहां कोई पौधा भी पनप नहीं पाता है. इसलिए लोग हिरन और घोड़े का मांस खाते हैं. डॉक्टर्स के अनुसार, यहां के लोग कुपोषित भी नहीं हैं. दूध पीकर ये लोग अपने शरीर में ज़रूरी पोषक तत्व पा लेते हैं.

 

 

शवों को दफ़नाने में यहां कम से कम तीन दिन का समय लगता है क्योंकि ज़मीन तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल होता है. पहले कोयले से ज़मीन के ऊपर की बर्फ़ पिघलाई जाती है, फिर शव को दफ़न किया जाता है.

 

 

पेन की इंक जम जाती है, चश्मे के आगे बर्फ़ जम जाती है. मोबाइल फ़ोन काम नहीं करता, क्योंकि ठंड के कारण बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है. यहां पर मोबाइल का नेटवर्क भी नहीं आता.

 

 

सबसे दुखद तो ये है कि घर में शौचालय न होने के कारण इन लोगों को ऐसे मौसम में भी शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. घर में टॉयलेट बनवा कर भी आप कुछ नहीं कर सकते क्योंकि पाइपलाइन ठंड से जम जाएगी.

 

 

कई ट्रेवल कम्पनीज़ लोगों को यहां आकर ऐसा जीवन व्यतीत करने का ऑफर देती हैं.

 

 

अब शायद आप कभी शिकायत नहीं करेंगे कि दिल्ली में बहुत ठंड है. है न?