अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम आपने ज़रूर सुना ही होगा. क्या फील होता है आपको उनका नाम सुनकर? शायद आपको कुछ फील न होता हो, पर मुझे फील होता है. ये एक नाम है जिसे सुनकर आधी रात को भी त्रिकोणमिति के डबल स्टार मार्क वाले सवाल भी सोल्व कर लिया करता था. देर रात तक जागने के बाद जब सुबह कोई पूछता था क्या हो गया है, अल्बर्ट आइंस्टीन बनके ही मानोगे क्या, तब कसम से बड़ा अच्छा लगता था. फिर हुआ कुछ ऐसा कि एक फ़िल्म आई, ‘Iron Man 3’ . इस फ़िल्म का हीरो एक डायलॉग बोलता है कि आइंस्टीन साल में 3 घंटे सोते थे, तब से हम और भक्त हो गये आइंस्टीन बाबा के.
अब आप सोच रहे होंगे कि हम आइंस्टीन के बारे में इतनी बातें क्यों कर रहे हैं? जी ऐसा है कि उनके बारे में बहुत सी बातें ऐसी हैं, जिन्हें हम जानते नहीं हैं. हम आज आपको उनसे जुड़ी ऐसी ही कुछ बातें बताने वाले हैं.
बचपन से ही था इनको मैथ और फिजिक्स से लगाव
बचपन में आइंस्टीन का सिर बहुत बड़ा था. 4 साल की उम्र तक ये सही से बोल नहीं पाते थे. फिर एक दिन जब ये लोग खाना खा रहे थे, तब अचानक ही बालक आइंस्टीन बोल पड़े कि सूप बहुत गर्म है, अचानक ही उन्हें इस तरह बोलता देख उनके माता-पिता हैरान रह गए. आइंस्टीन के बारे में जैसा सुनने को मिलता है, वो मैथ में फेल हो गए थे, फिर उन्होंने उसमें विद्वता हासिल की, ये महज़ अफ़वाह है. वो शुरू से ही मैथ और भौतिकी में निपुण थे.
अब आपको ले चलते हैं इनकी जवानी में
आइंस्टीन थोड़े भुल्लकड़ किस्म के आदमी थे, उन्हें कुछ भी ज़्यादा समय तक याद नहीं रहता था. एक बार वो अपने विश्वविद्यालय से घर लौटते वक़्त अपना पता भूल गये थे. गनीमत थी कि ड्राइवर उनको जानता था. बढ़िया काम करने के लिए आइंस्टीन 10 घंटे तक की नींद लेते थे. झूठा Iron Man!. आपको सुन कर थोड़ा अजीब लगे, पर इन्हें मोज़े और बाल कटवाने से नफरत था. साथ ही साथ इन्हें सिगार पीना बहुत पसंद था, आप इनकी बहुतायत फ़ोटोज़ में इन्हें सिगार पीते हुए देख सकते हैं.
अगर वैज्ञानिक ना होते तो होते म्यूजिशियन
बड़ा मस्त वायलिन बजाते थे आइंस्टीन.हमने सुना तो नहीं, पर बहुतों का ऐसा कहना है. वो खुद कहा करते थे कि अगर मैं वैज्ञानिक न होता, तो म्यूजिशियन होता. उनका कहना था कि कल्पना ज्ञान से ज़्यादा ज़रूरी है, क्योंकि ज्ञान तो सीमित है, पर कल्पना अनंत है. 1905 आइंस्टीन के लिए चमत्कार का साल था, क्योंकि इसी साल उनके 4 पेपर पब्लिश हुए, जिससे मात्र 26 वर्ष की आयु में ये विश्व प्रसिद्द हो गये. फिर 1922 में फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट के लिए इन्हें नोबेल भी मिला.
ज़िंदगी में उतार चढ़ाव भी जारी ही रहा
अडोल्फ़ हिटलर के सत्ता में आने के अगले साल ही आइंस्टीन ने हमेशा के लिए जर्मनी छोड़ दिया. 1952 में आइंस्टीन को इज़राएल का राष्ट्रपति बनने की पेशकश की गयी, पर उन्होंने ये कहकर मना कर दिया कि वो राजनीति के लिए नहीं बने. उनके कई महिलाओं के साथ प्रेम संबंध रहे. उन्होंने अपनी पत्नी को छोड़ कर अपनी कज़िन से शादी कर ली थी. उनकी मृत्यु के 20 साल बाद उनकी सौतेली बेटी ने उनके1500 पत्र प्रकाशित किये, जिसमें उनका 6 महिलाओं के साथ संबंध होने का ज़िक्र था. उनकी मृत्यु के बाद एक डॉक्टर द्वारा रिसर्च करने के लिए उनका दिमाग बिना किसी अनुमति के निकाल लिया गया था. फिर बाद में उनके बेटे की आज्ञा से उनके दिमाग पर कई रिसर्च की गयीं.
हमारे यहां तो ये आलम है कि मास्टर साब आज भी कहते हैं ऐ ज़्यादा दिमाग लगाओगे, तो आइंस्टीन नहीं बन जाओगे. आइंस्टीन हमारे लिए विद्वता की एक इकाई हैं. पूरे विश्व को विज्ञान की नयी परिभाषा देने के लिए आपका धन्यवाद.
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