वे भले ही उम्र का शतक लगा चुकी हों, लेकिन आज भी अपनी से आधी उम्र के लोगों को दौड़ में नाकों चने चबवा सकती हैं.

चंडीगढ़ की मान कौर 101 साल की धावक हैं जो भले ही दिखने में कमज़ोर दिखाई दें, लेकिन मानसिक मज़बूती और दृढ़ निश्चय की मिसाल हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में वे अब तक 20 मेडल हासिल कर चुकी हैं. कौर सुबह जल्दी उठ कर प्रैक्टिस करती हैं. वे रोज़ 200 मीटर दौड़ती हैं. इसके बाद वे जिम भी जाती हैं, ताकि अपने पैशन को फ़ॉलो करने के लिए फ़िट रह सकें.

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 8 साल पहले की थी, उस समय उनकी उम्र 93 वर्ष थी. मान कौर ने जिस उम्र में अपने पैशन को खोजा है, उस उम्र तक पहुंचते-पहुंचते तो ज़्यादातर लोग ज़िंदा नहीं रह पाते. कौर को यूं तो दौड़ने का कोई अनुभव नहीं था, लेकिन उनके बेटे गुरुदेव सिंह एक धावक हैं. गुरुदेव ने ही अपनी मां को इंटरनेश्नल मास्टर्स गेम्स सर्किट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था.

एक मेडिकल चेकअप के बाद उन्हें दौड़ने के लिए फ़िट घोषित कर दिया गया था और उसके बाद से ही इन्होंने पदकों की झड़ी लगा दी. इस साल अप्रैल में उन्होंने विश्व मास्टर्स गेम्स में हिस्सा लिया था. न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड में हुए इस टूर्नामेंट में उन्होंने चार गोल्ड मेडल जीते थे. उन्होंने 200 मीटर स्प्रिंट, दो किलो शॉट पुट और 400 ग्राम जेवलिन थ्रो में ये पदक हासिल किए थे. उन्होंने 1 मिनट 14 सेकेंड्स में अपनी 200 मीटर स्प्रिंट रेस पूरी की थी.

मान कौर को ग़ज़बपोस्ट की ओर से गज़ब सैल्यूट.