वक़्त के साथ-साथ बहुत कुछ बदल जाता है. आज से पांच-दस साल पहले कहानी कुछ और ही थी. जिन चीज़ों की हमने कभी कल्पना भी नहीं करी थी, वो आज मुमकिन हैं.

रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को आसान करने वाली ये टेक्नोलॉजीज़ अब हर किसी की ज़िन्दगी का हिस्सा बन गयी हैं:   

 1) Video Calling  

पढ़ाई या नौकरी के लिए जब कोई सात समुंदर पार चले जाता था, तो चिट्ठियां या ISD फ़ोन कॉल ही एक मात्र सहारा होता था. बाद में E-Mail का ज़माना आया तो कम-से-कम एक दूसरे को तस्वीर भेज देते थे. और अब… एक क्लिक पर वीडियो कॉल की आसानी से कोई दूरी, दूरी नहीं लगती.

2) Friendship/Dating Apps  

कभी पेपर पर नंबर लिख कर फेंकना, तो कभी फ़्रेंडशिप डे पर ग्रीटिंग कार्ड देना, दोस्ती के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते थे न! अब देखो, Tinder जैसी Apps पर राइट और लेफ़्ट स्वाइप से ही दोस्त बन जाते हैं और कभी-कभी रिश्ते भी.  

3) Food Ordering 

‘चलो बाहर खा कर आते हैं’ से ‘चलो कुछ मंगा लेते हैं’ का ट्रांस्फ़ॉर्मेशन भी देखते-देखते हो गया. पिछले कुछ सालों में जिस हिसाब से फ़ूड ऑर्डरिंग ऐप्स मार्किट में छाए हैं, क़सम से सारी भूख मिट गयी है. बड़े से बड़ा होटल हो या गलियों में छुपा ढाबा, अब खाना कहीं से भी आ जाता है. Zomato, Swiggy, Uber Eats, शुक्रिया!   

4) SIM 

नया फ़ोन नंबर लेने का मतलब था न जाने कितने प्रूफ़, फ़ोटो, फ़ॉर्म और फिर 24 से 48 घंटे तक के इंतज़ार के साथ, नंबर एक्टिवेट होने की प्रार्थना. पर आज 10digi.com जैसी वेबसाइट से आप SIM भी घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर सकते हैं. सेल्समेन आपके दरवाज़े पर SIM लेकर पहुंच जाता है और ऑन द स्पॉट एक्टिवेशन भी.  

5) Self Drive Cars 

‘दिल चाहता है’ और ‘ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा’ जैसी फ़िल्मों की देन कहिये, हर किसी की बकेट लिस्ट में ‘रोड ट्रिप’ ने अपनी जगह बना ली. लेकिन बिना गाड़ी के भला रोड ट्रिप कैसे? आज Self Drive Cars की सुविधा से ये भी मुमकिन हो गया है. Zoom Cars, Revv, Myles जैसी कंपनियों से अपनी मनपसंद गाड़ी उठाओ और घूमने निकल जाओ.  

6) Video Makers 

डॉक्टर-इंजीनियर से सोच आगे बढ़ी, दिमाग़ खुला तो कई करियर अवसर सामने दिखे. डिजिटल मीडिया में तो क्रिएटिविटी की ऐसी सुनामी आयी कि हर कोई वीडियो कॉन्टेंट बनाने लगा. ऐसे में कई Video Apps ने इन सीक्रेट सुपरस्टार्स को वायरल कर दिया. वहीं मीडिया कंपनियों और कंटेंट मेकर्स के लिए InVideo जैसे Video Editing Softwares ने कम समय में आसानी से ख़ूबसूरत वीडियो स्टोरीज़ बना कर फ़्रंट-फ़ुट पर रहने का चांस दिया.  

7) GPS/Maps 

हर सिग्नल पर रुक कर, हेलमेट या गाड़ी का शीशा उतार कर ‘भैया, ये एड्रेस कहां पड़ेगा?’ वाला ज़माना गया. अब अपने स्मार्टफ़ोन पर Maps में पता डाल कर कहीं भी पहुंचा जा सकता है. और तो और, ट्रैफ़िक जाम से बचाने के लिए Google Maps से अच्छा कोई नहीं.  

अब आगे-आगे और क्या होने वाला है, ये किस को क्या पता! पर एक बात तो है, कुछ नए की ख़्वाहिश हमें हमेशा आगे ही लेके चलती जाएगी.