रिश्तों की डोर बहुत नाज़ुक होती है, छोटी सी बात भी इस डोर को उलझा देती है. जिस रिश्ते को बनाने में सालों लग जाते हैं, उसे टूटने में एक मिनट भी नहीं लगता है. कभी-कभी कुछ रिश्ते आपसी समझ और अहंकार की बलि भी चढ़ जाते हैं. इसलिए अपनी Relationship को बचाने के लिए आपको ख़ुद पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है. ख़ुद की ग़लती को पहचानने की ज़रूरत है, ताकि अपने टूटते रिश्ते को बचा पाएं.

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अगर आप सोच रहें हैं, ऐसा कैसे होगा, तो ये रहे जवाब, जिनसे ख़त्म होते रिश्ते में आप दोबारा जान भर सकते हैं: 

1. सेल्फ़ केयर

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जब तक आप अपने रिश्ते में आई मुसीबतों को समझ पाते हैं, तबतक बहुत देर हो चुकी होती है. ऐसा आपके हठधर्मी की वजह से होता है. नकारात्मकता आपके आत्मविश्वास को ख़त्म कर देती है. इसलिए अपनी ग़लती को समझें और आत्मविश्वास को वापस पाने के लिए एक्सरसाइज़ करें, अपने पार्टनर को अपने होने के एहसास कराएं, ध्यान, या फिर स्पा के ज़रिए रिश्ते को संभालें. 

2. Therapy 

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अपने रिश्ते को संभालने के लिए थेरेपी का रास्ता अपनाएं. इस दौरान दोनों पक्षों को रखकर उन्हें समझने और समझाने की कोशिश की जाती है. क्योंकि ऐसा हमेशा नहीं हो पाता है कि आप एक-दूसरे की बात को बिना कहे समझ लें. उसके लिए आपको थेरेपी का सहारा लेना चाहिए. इससे रिश्ते सुलझाने में आसानी होती है. 

3. पॉज़िटिव बनो

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दूसरों को बदलने से अच्छा ख़ुद पॉज़िटिव बनो. ताकि आपके पार्टनर को आपमें हो रहे बदलाव को देखकर ख़ुद को बदलने पर मजबूर होना पड़े. नकारात्मकता का मुकाबला करने का सबसे अच्छा तरीका सकारात्मकता है. उनकी छोटी सी जीत को भी दिल खोलकर सेलिब्रेट करें. ज़्यादा से ज़्यादा पॉज़िटिव वीडियो देखें.

4. अपने पार्टनर को सुनें

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आपने जो करना बंद कर दिया है उसे करना शुरू करें, यानि अपने पार्टनर को सुनना शुरू करें. वो क्या कह रेह हैं? क्या चाह रहे हैं आपसे? इसके अलावा अगर वो किसी बात पर आपको ग़लत ठहरा रहे हैं, तो उसका कारण पूछें, बजाय बहस करने के.   

5. दूसरे को Blame मत करो

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किसी को ग़लत ठहराना बहुत आसान होता है. मगर इससे रिश्ते में दूरियां आने लगती हैं. जबकि किसी भी रिश्ते के लिए दो लोगों की ज़रूरत होती है. इसलिए अपनों को ग़लत ठहराने से अच्छा उन्हें आरामसे बैठकर उनकी ग़लती बताएं.

6. अपनी बातों की ज़िम्मेदारी लीजिए 

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किसी भी रिश्ते को बनाने और बिगाड़ने में दो लोग होते हैं. बस देखना ये होता है कि नेगिटिविटी को नेगेटिविटी से ख़त्म करना है या अपने द्वारा ग़लत किए गए कामों की ज़िम्मेदारी लेनी है. अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपके पार्टनर को भी अच्छा लगता है और रिश्ते को दोबारा बनाने की एक किरण नज़र आती है.  

रिश्ता है, तो कसौटी भी होगी. उसे पार करके रिश्ते को नई दिशा देना ही ज़िंदगी है. अगर इन तरह के आर्टिकल में दिलचस्पी है, तो इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए क्लिक करें.