अगर आप देश के इतिहास के बारे में पढ़ना और जानना चाहते हैं तो दिमाग़ में सबसे पहला ख़याल संग्रहालयों का आता है. भारत में कई संग्रहालय हैं जहां पर हमें देश के इतिहास से जुड़ी हर चीज़ मिल जाती हैं. भारत में वैसे तो आपने कई तरह के संग्रहालय देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे संग्रहालयों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर मामले में अनोखे हैं.

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ये रहे देश के 15 ऐसे म्यूज़ियम जो अपने अनोखे संग्रह के लिए भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में भी प्रसिद्ध हैं- 

1. आईएनएस कुरसुरा सबमरीन म्यूज़ियम (विशाखापत्तनम) 

विशाखापट्टनम में रामकृष्ण बीच के किनारे पर स्थित ये मछली के आकार की काली पनडुब्बी आईएनएस कुरसुरा (S20) है. ये भारत की चौथी पनडुब्बी है जिसे 31 साल की सेवा के बाद साल 2001 में सेवानिवृत कर दिया गया था. ये एशिया की पहली और दुनिया की दूसरी पनडुब्बी है जिसे म्यूज़ियम में बदल दिया गया है.

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2. पालड़ी काइट म्यूज़ियम (अहमदाबाद) 

अहमदाबाद स्थित ‘पालड़ी काइट म्यूज़ियम’ उत्तरायण या पतंग महोत्सव के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. साल 1985 में स्थापित ये ख़ूबसूरत म्यूज़ियम पतंगों के शौकीन भानु शाह के दिमाग़ की उपज है. भानु ने 50 साल पुराने अपने दुर्लभ पतंगों का ये संग्रह ‘अहमदाबाद नगर निगम’ को दान कर दिया था. ये इस तरह का भारत में पहला और दुनिया में दूसरा म्यूज़ियम है. 

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3. पुखौटी मुक्तांगन म्यूज़ियम (रायपुर) 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित इस ओपन म्यूज़ियम में आपको अवॉर्ड विनिंग आर्टिस्टों द्वारा बनाए गए कई तरह के पुखौटी देखने को मिलेंगे, जो ख़ुद में छत्तीसगढ़ की पारम्परिक कला के साथ ही मॉर्डन डिज़ाइन को समाए हुए है.

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4. ह्यूमन ब्रेन म्यूज़ियम (बेंगलुरु) 

बेंगलुरु में ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज’ के बेसमेंट में बने इस गोरी म्यूज़ियम में 300 से अधिक मस्तिष्क के नमूने हैं. डोनर्स से एकत्र किए गए और सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हुए लोगों के इन 300 से अधिक मस्तिष्क को जार में संरक्षित किया गया है.

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5. विरासत ए ख़ालसा म्यूज़ियम (आनंदपुर साहिब) 

श्री आनंदपुर साहिब स्थित ‘विरासत ए ख़ालसा संग्रहालय’ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सिखों के इतिहास को दर्शाता है. इस ख़ूबसूरत संग्रहालय को इंटरनेशनल आर्किटेक्ट Moshe Safdie ने डिज़ाइन किया है. इस संग्रहालय को बनाने के लिए Moshe ने स्वर्ण मंदिर, आनंदगढ़ क़िले और गुरुद्वारा केशगढ़ साहिब जैसी ऐतिहासिक इमारतों से प्रेरणा ली है.   

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6. मेयोंग सेंट्रल म्यूज़ियम (मेयोंग) 

असम के मोरीगांव ज़िले के मेयोंग गांव में स्थित ये ऐतिहासिक म्यूज़ियम काले जादू की जननी के रूप में जाना जाता है. ‘मेयोंग सेंट्रल म्यूज़ियम’ में अतीत के कई साक्ष मौजूद हैं. इस म्यूज़ियम में जादू टोना, तांत्रिक पांडुलिपियों, हस्तनिर्मित गुड़िया, खोपड़ी और काले जादू की रस्मों में इस्तेमाल होने वाले कई औजार मौजूद हैं.

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7. सुधा कार्स म्यूज़ियम (हैदराबाद) 

हैदराबाद में स्थित इस अनोखे म्यूज़ियम में आपको हर तरह की कार देखने को मिल जाएंगी. इस म्यूज़ियम को बनाने के पीछे के. सुधाकर का दिमाग़ था. जिनका नाम दुनिया की सबसे बड़ी ट्राइसाइकिल बनाने के लिए ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज है. इस अनोखे म्यूज़ियम में फ़ुटबॉल, क्रिकेट बैट, लैपटॉप, बर्गर, कैमरा और यहां तक कि शार्पनर से बनी कारें मौजूद हैं.

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8. लोसेल डॉल म्यूज़ियम (धर्मशाला) 

ये मैकलोडगंज के ‘नॉरबुलिंगका इंस्टीट्यूट’ के अंदर स्थित लोसेल डॉल का दुनिया का सबसे बड़ा म्यूज़ियम है. इन ख़ूबसूरत लोसेल डॉल की दस्तकारी ड्रेपंग लॉसलिंग मठ के बौद्ध भिक्षुओं द्वारा की जाती है. पारंपरिक तिब्बती वेशभूषा पहने इन डॉल्स को बनाने के लिए तार, मिट्टी, कपास, ऊन और रेशम से तैयार किया जाता है, जो तिब्बती संस्कृति के पहलुओं को दर्शाते हैं.

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9. सुलभ इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ टॉयलेट (दिल्ली) 

दुनिया भर में अनोखे संग्रहालयों की सूची में एक दिल्ली स्थित ‘सुलभ इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ टॉयलेट‘ भी है. ये म्यूज़ियम स्वच्छता और शौचालय के इतिहास के लिए समर्पित है. इस अनोखे म्यूज़ियम में आपको 3000 ईसा पूर्व के प्राचीन चेंबर पॉट्स से लेकर विक्टोरियन टॉयलेट सीट और यहां तक कि सोने से बने शौचालय भी देखने को मिलेंगे. 

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10. उरुस्वति म्यूज़ियम (गुरुग्राम) 

अगर आप लोक कथाएं, किंवदंतियां और कहानियां सुनना पसंद करते हैं, तो गुड़गांव के शिखोपुर स्थित ‘उरुस्वति म्यूज़ियम’ से बढ़िया जगह और कोई नहीं हो सकती. ये देश का एकमात्र म्यूज़ियम है, जो लोककथाओं को समर्पित है. इस म्यूज़ियम में ऐसी कई पेंटिंग हैं जो प्रेम और लालसा को चित्रित करती हैं. 

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11. एआरबीआई मॉनेटरी म्यूज़ियम (मुंबई) 

देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में स्थित ‘एआरबीआई मॉनेटरी म्यूज़ियम’ जहां आपको अब तक बने सभी सिक्के देखने को मिल जायेंगे. इस म्यूज़ियम में ऐतिहासिक काल से लेकर राजा महाराजाओं के दौर तक के सिक्के भी देखने को मिल जायेंगे.

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12. वेचार यूटेंसिल म्यूज़ियम (अहमदाबाद) 

साल 1981 में निर्मित ‘वेचार यूटेंसिल म्यूज़ियम’ वास्तुकार श्री सुरेंदर सी. पटेल के दिमाग़ की उपज है. ये अनूठा संग्रहालय भारतीय शिल्पकारों की दुर्लभ कलात्मक कौशल और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के उनके प्रयास का एक हिस्सा था. इस म्यूज़ियम में क़रीब 1000 साल पुराने जग से लेकर आधुनिक कांच के बर्तन तक हैं. यहां 4,000 से अधिक बर्तनों का संग्रह है.

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13. लेजेंड्स मोटरसाईक्लिंग कैफ़े (बेंगलुरु) 

एस.के. प्रभु नाम के एक मोटरसाइक्लिस्ट ने साल 1992 में अलग-अलग तरह की मोटरसाइकिल इकट्ठा करना शुरू किया था. बेंगलुरु स्थित इस निजी म्यूज़ियम में 20 साल से अधिक पुरानी मोटरसाइकिलें हैं जो अभी भी काम करने की स्थिति में हैं. इनमें से दुर्लभ मोटरसाइकिलें तो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की भी हैं. इस कैफ़े में चेकोस्लोवाकिया में बना एक दुर्लभ 1962 मॉडल का स्कूटर भी है. 

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14. शंकर्स इंटरनेशनल डॉल म्यूज़ियम (दिल्ली) 

भारत के पहले राजनीतिक कार्टूनिस्टों में से एक के. शंकर पिल्लई ने साल 1965 में इस ‘डॉल म्यूज़ियम’ की स्थापना की थी. इस विचित्र संग्रहालय में आपको 85 से अधिक देशों की अलग-अलग तरह की ड्रेस पहने 6700 डॉल्स का प्रभावशाली संग्रह देखने को मिलेगा.

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15. अरना झरना (जोधपुर) 

‘अरना-झरना’ स्वर्गीय कोमल कोठारी को समर्पित है, जो भारत के प्रमुख लोककलाकारों और मौखिक इतिहासकारों में से एक थे. कोठारी को 2004 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था. यहां पर आपको राजस्थान की लोक संस्कृति और पारंपरिक कला से जुड़ी कई चीज़ें देखने को मिलेंगी.

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अगर आपकी जानकारी में इसी तरह के अनोखे म्यूज़ियम हैं, तो हमारे साथ शेयर करें.