‘रक्षाबंधन’ भाई-बहन के रिश्ते का ये त्योहार हर घर में खु़शियों की बरसात लेकर आता है. इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाईयों पर राखी बांध कर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है. सालों से हम इसी नियम को फ़ॉलो करते आ रहे हैं, लेकिन क्या इस बार कुछ नया Try कर सकते हैं? नये से मतलब इस बार उन लोगों को भी राखी बांध कर देखिए, जो ज़िंदगी के हर मोड़ पर हमारे भाई का रोल अदा करते हैं.
तो इस बार एक राखी इन भाईयों के नाम!
1. देश के जवान

अब ये भले ही हमारे आस-पास न हो, लेकिन सरहद पर गश्त लगाते देश के ये जवान हमारी सुरक्षा पर आंच तक नहीं आने देते. अब हमारा भी, तो फ़र्ज़ बनता हैं न कि इनकी कलाई पर राखी बांध इन वीरों की रक्षा की कामना करें.
2. वो लड़की, जो हर जगह भाई बन कर खड़ी रहती है

ऐसी दोस्त जो झांसी की रानी की तरह अपनी दोस्त के लिए किसी से भी झगड़ा मोल ले लेती है. इसके साथ रहते हुए मज़ाल है, जो कोई लड़का हमारी ओर आंख उठा कर भी देख ले. ग़लती से अगर कोई प्रपोज़ मार भी दे, तो उसी समय इसका भद्रकाली रूप देखने को मिलता है.
3. ऑटो वाले भाईया

माना कभी-कभी ये ज़्यादा नख़रे करते हैं, लेकिन अगर ये न हों, तो टाइम से कॉलेज और ऑफ़िस पहुंचना नामुमकिन सा लगता है.
4. पुलिसवाले

रातभर सड़कों पर गश्त लगाते पुलिसवाले भी हमारी राखी के हकदार हैं.
5. बड़ी बहन

ज़रूरी नहीं कि हर घर में बेटा हो, ऐसे में बड़ी बहन भी अपनी छोटी बहन के लिए किसी भाई से कम नहीं होती.
6. हाउस हेल्पर

अपना घर छोड़ कर दिन-रात हमारी सेवा में लगाने वाला घर का नौकर त्योहार पर अपने घर नहीं जा पाता, ऐसे में एक राखी इनके नाम की भी होनी चाहिए.
7. ऑफ़िस गार्ड

ऑफ़िस आते-जाते समय ये हमेशा हमारी सुरक्षा में तैनात रहते हैं. कई बार ये ज़रूरत के वक़्त हमारी मदद के लिए भी तत्पर रहत हैं. अब इन्हें ख़ुश करने का राखी से अच्छा मौका होगा क्या?
8. घर से कूड़ा उठाने वाला कर्मचारी

ये हर रोज़ सुबह आकर हमारे घर का कचरा उठा कर ले जाते हैं. अगर ये न हों, तो घर में कचरे का ढेर जमा हो जाता है. इंसानियत के नाते ही सही, एक राखी इनके नाम की भी होनी चाहिए.
9. ऑफ़िस के कैफ़े वाले भईया

हमें खाने में क्या पसंद है और क्या नहीं, इन्हें सब पता होता है. कॉफ़ी पीनी हो या चाय एक बार आवाज़ लगाने पर ये तुरंत हाज़िर हो जाते हैं. इतना तो हमारे सगे भाई नहीं नख़रे नहीं उठाते, जितनी ये हमारी बातें सुन लेते हैं.
10. मम्मी

‘मम्मी’ को समझना थोड़ा नामुकिन होता है. ये कभी हमारी दोस्त बन कर हमें समझती है, तो कभी भाई बन कर हमारी रक्षा करती हैं. ये एक रूप में होकर कई रूप धारण कर हमें हर मुसीबत से बचाती है. भाई इसीलिए इस राखी मम्मी की कलाई बिलकुल सूनी नहीं रहनी चाहिए.
इस रक्षाबंधन अपने इन भाईयों को राखी बांध कर देखिए अच्छा लगेगा.
Feature Image Source : newstracklive




