दिनभर लैपटॉप की टक-टक के बाद शाम को जब दोस्तों के साथ चाय और बात-चीत का दौर चलता है, तो अक़सर बचपन याद आ जाता है. स्कूल से आकर, खाना खाते हुए टीवी देखना और फिर खेलने चले जाना. 


रोज़मर्रा की भागदौड़ के बीच कई बार ये ख़्याल आता है, ‘बचपन ही अच्छा था.’ बचपन में ज़्यादातर बच्चों की सुबह ‘विवध भारती की ट्यून’ से होती थी और शाम कंचे या कैरम खेलते हुए बीतती थी.  

बचपन को याद करिए इन आवाज़ों के ज़रिए- 

1) दूरदर्शन की Tune 

https://www.youtube.com/watch?v=9-7JmGB9BRA

2) विवध भारती की Tune 

3) शक्तिमान का गाना 

https://www.youtube.com/watch?v=J4gJNVdu8to

4) मालगुडी डेज़ का म्यूज़िक 

5) नोकिया की Tune 

6) विको टर्मरिक क्रीम का गाना 

7) कुल्फ़ी वाले की घंटी 

8) काले से फ़ोन की रिंग 

9) कंचों की आवाज़ 

https://www.youtube.com/watch?v=40FBALhzeH4

10) मारियो की Tune 

आपको इनमें से कितने याद थे? आप कमेंट बॉक्स में और भी ऐसी आवाज़ों के बारे में बता सकते हैं.