जो लोग मेहनती होते हैं, वो किस्मत पर भरोसा नहीं करते, उनके लिए किस्मत इतेफ़ाक से ज़्यादा मायने नहीं रखती. गुणीजनों ने ये भी तो कहा है कि आप जितने मेहनती होते हैं, आपकी किस्मत भी उतनी ही धनी होती है.
आज हम किस्मत और मेहनत की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि कुछ लोग हैं, जिनकी किस्मत कुछ और थी लेकिन कड़ी मेहनत से उन्होंने उसे बदला.
1. JNU के सुरक्षा गार्ड ने विश्वविद्याल की परीक्षा पास की.
34 वर्षीय रामजल मीना 4 साल से जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में गार्ड थे और अब उनका दाखिला विश्वविद्यालय में बतौर छात्र होने वाला है. राजस्थान के निवासी राजमल मीना ने Bachelor Of Arts (BA), Russian (Hons) की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की.
2. मनरेगा के तहत मज़दूरी करने वाले बाप के बेटे ने 93.8% प्रतिशत अंकों के साथ JEE-Main क्रैक किया.
18 साल के लेखराज भील अपने गांव के पहले युवक थे, जिन्होंने ये कारनामा किया हो, उनके पिता मरेगा के तहत मज़दूरी करते थे. इस वाकये से पहले उनके गांव के लोगों ने JEE-Main का नाम तक नहीं सुना था.
3. रेलवे की WiFi सेवा का इस्तेमाल कर कुली ने सिविल सर्विस की लिखित परिक्षा पास की.
स्मार्टफ़ोन और WiFi जब साथ में मिलते हैं तो हम गेम, सोशल मीडिया या वीडियोज़ की ओर भागते हैं. लेकिन Sreenath K ने उसका सही इस्तेमाल किया. केरल के Ernakulam Junction पर पांच साल कुली का काम किया. इस बीच उन्होंने कड़ी मेहनत से केरल लोक सेवा की लिखित परिक्षा पास की.
4. जेल में रहकर IIT JEE क्रैक किया.
राजस्थान के एक युवा लड़के पियूष मीना ने अपनी कड़ी मेहनत से इतिहास रचा. वो कोटा के एक ओपन जेल में 8×8 के कमरे में पिता के साथ रहते हुए IIT की तैयारी करता था, उसके पिता फूलचंद मीना को हत्या का दोषी पाया गया था.
पियूष मीना ने एसटी श्रेणी में JEE- Advanced में 453वीं रैंक हासिल की.
5. पकौड़े बेचने वाले सागर शाह पहली कोशिश में GATE परिक्षा में सफ़ल हुए
जहां चाह होती है, वहां रास्ते निकल ही आते हैं. उत्तराखंड में पकौड़े की दुकान चलाने वाले सागर ने इस बात को साबित किया है. उन्होंने Graduate Aptitude Test in Engineering (GATE) की परिक्षा पहली कोशिश में ही पास कर ली थी.
6. 96 साल की उम्र में इस महिला ने चौथी कक्षा की परिक्षा पास की.
कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती, 96 साल की Karthyayani अम्मा को देख कर इस बात यकीन और भी पुख़्ता हो जाता है. केरल के साक्षारता अभियान ‘Akshara Laksham’ के तहत Karthyayani अम्मा ने स्कूल में दाखिला लिया और हाल ही में चौथी कक्षा पास की. उनकी इच्छा दसवीं तक पढ़ाई करने की है.
7. ओडिशा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहने वाली आदिवासी लड़की ने लोक सेवा परिक्षा पास की.
ओडिशा की मलकानगिरी ज़िले की गिनती भारत के सबसे पिछड़े इलाकों में होती है. संध्या ने वहां से ओडिशा लोक सेवा की परिक्षा पास की है. उनका ज़िला भी पूरी तरह से नक्सल प्रभावित है, बावजूद इसके संघ्या ने मेहनत और साहस के बल पर 91वीं रैंक हासिल की.
8. बाल विवाह से बचने के लिए यह लड़की घर से भागी और कर्नाटक PUC II की परीक्षा 90% अंकों से पास की.
बग़ैर मर्जी के शादी करवाने की वजह से 18 साल की रेखा अपने Chikkaballapur गांव से भाग गई. उसने बंगलुरु में अपने दोस्त के घर पर ठिकाना मिल गया, वहां उसने कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर में दाखिला लिया, उसके आगे जो हुआ वो एक मिसाल है.