पेरेंट्स के लिए बच्चे क्या होते हैं, ये हम सब जानते हैं. मां-बाप बच्चों पर जान छिड़कते हैं और हम बदले में उनके लिए क्या करते हैं? ये सवाल ज़रूर एक बार खु़द से करके देखिएगा, शायद कुछ जवाब मिले. मां-बाप पूरी ज़िंदगी हमें एक अच्छी लाइफ़ देने में निकाल देते हैं. हमारी लाइफ़ में शायद ये ही ऐसे होते हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमसे प्यार करते हैं और हमारी देखभाल करते हैं. हमारे मां-बाप हमारे लिए ऐसा बहुत कुछ करते हैं, जिन्हें हम लौटा नहीं सकते…हम आपको आज दिखाते हैं ऐसी ही कुछ बातें-

1. अपनी जॉब छोड़ना

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हर किसी की लाइफ में एक ऐम्बिशन या ख़्वाब होता है. जिस तरह हम अपनी जॉब से प्यार करते हैं, हमारे पेरेंट्स भी करते हैं. लेकिन कई बार आपने देखा होगा कि एक मां अपने बच्चे की परवरिश के लिए अपनी जॉब तक छोड़ देती है. उसके लिए पहले अपना बच्चा होता है और बाद में दूसरी चीज़ें. आज अगर हमें अपने पेरेंट्स के लिए जॉब छोड़ने के लिए कहा जाए तो हम ऐसा शायद ना कर पाएं. भले ही हम उनकी बहुत केयर करें, लेकिन जॉब छोड़कर घर पर शायद नहीं बैठ पाएंगे.

2. आपके स्कूल के लिए अपनी सुबह की नींद छोड़ना

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सुबह-सुबह स्कूल या ऑफिस के लिए जल्दी उठना कितना बुरा लगता है ना? लेकिन हमारे पेरेंट्स हमसे भी जल्दी सिर्फ़ इसलिए उठते थे, ताकि वो हमें वक्त पर भेज सकें. उनकी इतने सालों की नींद को हम चाह कर भी लौटा नहीं सकते.

3. दोस्तों से मिलने की बजाए आपके साथ घर पर वक्त बिताना

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अपने दोस्तों से मिलना, उनके साथ पार्टी करना किसे पसंद नहीं है? हम अपने पेरेंट्स को कह जाते हैं कि आज पार्टी में जाना है, तो लेट आएंगे. हमारे लिए मां-बाप ने कई पार्टीज़ छोड़ी होंगी और कई पार्टीज़ को अलविदा कहा होगा.

4. अपनी हॉबीज़ को दरकिनार करना

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हर किसी की कोई ना कोई हॉबी ज़रूर होती है, जो हम खाली वक्त में करते हैं. मां-बाप की भी ऐसी कई हॉबीज़ रही होंगी, जो शायद हमें किसी हॉबी क्लास में ले जाते हुए उन्होंने छोड़ दी होगी. उन्हें हम फिर से वो हॉबी शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, लेकिन वो दिन वापस नहीं आएंगे.

5. ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ऑफिस में ओवर टाइम करना

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मम्मी-पापा टाइम पर ऑफिस से नहीं आए, इस बात पर हम कितनी बार गुस्सा हुए होंगे. ऑफिस में ओवर टाइम करके हमारी ख़ुशियों के लिए थोड़े एक्स्ट्रा पैसे कमा कर उन्हें ज़्यादा खुशी मिलती थी. हमारे लिए वो टाइम देना बहुत बड़ी बात थी.

6. छोटी-छोटी गलतियों को इग्नोर करना

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घर से कितनी बार पढ़ने का बोल कर अपने बॉयफ्रेंड/गर्लफ्रेंड से मिलने गए हो? या दोस्तों के साथ बंक मार लिया? शायद कई बार. हमें लगता था कि हम उन्हें आसानी से बेवकूफ बना रहे हैं, असल में उन्हें सब पता रहता था.

7. महीने के आखिर में अपना खर्चा काटकर आपको आपकी मनचाही चीज़ देना

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बचपन में महीने के आखिर में अजीबोगरीब डिमांड्स तो आपने भी ज़रूर की होगी, क्योंकि तब तक हमें पता नहीं था कि पैसे कमाना कितान मुश्किल होता है. पेरेंट्स हमारी आपकी उन बेतुकी डिमांड्स को पूरा करने के लिए अपना खर्च काटकर हमारे लिए वो चीज़ लाते थे. महीने के आखिर में शायद अब हम किसी के लिए ये ना कर पाएं.

8. टीनएज में हमारे नखरे झेलना

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टीनएज में बच्चों का अलग की स्वैग होता है. नई चीज़ें, हाईस्कूल, दोस्त और इन सबके साथ नए-नए नखरें. लेकिन पेरेंट्स ये सब झेलते हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि ये उम्र ही ऐसी है. बुढ़ापे में मां-बाप के नखरें झेलना कई बार बच्चों पर भारी पड़ जाता है.

9. अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छा इंसान बनाना

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मां-बाप अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी एजुकेशन देना चाहते हैं और इसके लिए बहुत पैसे भी खर्च करते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ वो हमें एक अच्छा इंसान भी बनाते हैं. आज हम लाइफ़ में कुछ बन गए, कुछ अच्छा कर रहे हैं तो ये सब उन्हीं की परवरिश का नतीजा है.

10. खु़द पर पैसा उड़ाने के बजाए उसे बच्चों के लिए बचाना

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खु़द पर खर्च सबसे आसान होता है. बच्चे के लिए मां-बाप अपने खर्च को बाद में रखते हैं…अपनी ख्वाहिशों को हमारी ज़रूरतों के लिए न्यौछावर करना उनसे सीखना चाहिए.

बच्चा बड़ा हो कर मां-बाप के लिए बहुत कुछ करता है और करना भी चाहिए, लेकिन कुछ चीज़ें हैं, जिन्हें वो कभी चुका नहीं सकता. शायद इसलिए मां-बाप को इतना ऊंचा दर्जा मिला है.