कहते हैं समय सबसे बड़ा मरहम होता है, वो धीरे-धीरे सभी घावों को भर देता है. इस लॉकडाउन ने भी प्रकृति को ख़ुद को हील करने का पूरा समय दिया है. तभी तो चारों तरफ से प्राकृतिक संसाधनों और जीवों के एक बार फिर से खुल कर सांस लेने की ख़बरें आ रही हैं. मतलब इस लॉकडाउन में प्रकृति ख़ुद को जमकर दुरुस्त करने में लगी है.
1. 30 साल में पहली बार यूपी के सहारनपुर ज़िले से हिमालय पर्वत दिखाई देने लगा.

2. 20 साल बाद थाइलैंड की Beches पर Leatherback प्रजाति के कछुए फिर से लौट आए हैं. वो यहां पर अपनी नई प्रजाति को जन्म देने आए हैं.

3. 30 साल में पहली बार पंजाब के जालंधर से हिमालय के धौलाधार रेंज के पर्वत साफ़ दिखने लगे.

4. 7 साल बाद ओडिशा के समुद्र तट पर Olive Ridley प्रजाति के कछुए फिर से लौट आए.

5. NASA द्वारा जारी की गई सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि 20 साल में पहली बार उत्तर भारत में वायु प्रदूषण सबसे निचले स्तर पर है.

6. 30 साल में पहली बार कोलकाता के गंगा नदी में डॉल्फ़िन फिर से लौट आयीं.

7. 30-40 सालों में पहली बार गंगा नदी का पानी(हरिद्वार) इतना शुद्ध हो गया है कि उसे डायरेक्ट पी सकते हैं.

8. 42 साल में पहली बार मथुरा में बहने वाली यमुना नदी का पानी इतना साफ़ हो गया है कि उसकी तलहटी भी साफ़ नज़र आने लगी है.

9. कई दशकों बाद कर्नाटक की वृषभावती नदी का पानी क्रिस्टल क्लीयर हो गया है.

10. 5 साल में पहली बार दिल्ली में मार्च के महीने में AQI सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. मतलब दिल्ली की हवा भी पहले से अधिक शुद्ध हो गई है.

ये सभी बातें इस ओर इशारा करती हैं कि प्रकृति ख़ुद का ख़्याल स्वयं रख सकती है अगर इंसान उसका ज़रूरत से अधिक दोहन न करे.