Global Hunger Index, 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 119 देशों में भारत 103वें नंबर पर है. इस सूची में भारत चीन, नेपाल म्यांमार, श्रीलंका और बांग्लादेश से पीछे है.
कुछ ऐसे चेहरे हैं जो इस सूरत को बदलने की कोशिश में लगे हैं. जमशेदपुर, झारखंड के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, हरि सिंह ने अपने शहर में भुखमरी मिटाने का बीड़ा उठाया है.
2015 में हुई शुरुआत
2015 में कुछ Volunteers के साथ हरि ने Voices of Humanity की शुरुआत की. अभी हरि 250 मेम्बर्स के साथ काम कर रहे हैं और ग़रीबों और असहायों की मदद कर रहे हैं.
ये है काम
इस संस्था के लोग पार्टी, क्लब्स, शादी आदि जगहों से ज़्यादा बचा खाना कलेक्ट करते हैं और भूखों तक पहुंचाते हैं.
The Logical Indian से बातचीत करते हुए हरि सिंह ने कहा,
ऐसे होता है काम
किसी भी फंशन या समारोह में अगर खाना बच जाता है तो संस्था के पास फ़ोन आ जाता है. Voices of Humanity आधे घंटे में वहां पहुंचकर खाना इकट्ठा करती है और ज़रूरतमंदों तक पहुंचाती है. कभी-कभी तो रात के 1 बज जाते हैं पर इस संस्था के लोग काम में लगे रहते हैं.
खाना पहुंचाने के अलावा हम ग़रीब बच्चों को ‘मिशन साक्षर’ के तहत पढ़ाते भी हैं. देवनगर बस्ती में कोढ़ से पीड़ित 90 बच्चों को हमारी टीम पढ़ाती है. सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है. कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे ग़रीब बच्चों को शिक्षा प्राप्त करते रहने के लिए उत्साहवर्धन की ज़रूरत होती है.
-हरि सिंह
मुख्य कैम्पेन
Voices of Humanity के ‘Wall of Humanity’ कैम्पेन की सभी ने सराहना की थी. संस्था को दान में मिले कपड़ों में से जो एक्स्ट्रा बचे थे उनको एक स्कूल की दीवार पर टांग दिया गया, जिसे ज़रूरत के अनुसार लोग ले गए.
‘मिशन जीवनरक्षक अभियान’ के तहत इस संस्था ने ज़रूरतमंदों को 1200 यूनिट खून पहुंचाया.