मध्य प्रदेश के एक किसान ने एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर अपने खेत में काले गेहूं की खेती की थी. उनका ये प्रयोग इतना सफ़ल रहा कि अब उनके इस स्पेशल गेहूं को ख़रीदने के ऑर्डर पूरे देश से आ रहे हैं.

ये किसान मध्यप्रदेश के धार ज़िले में रहते हैं. इनका नाम है विनोद चौहान. इन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा था. इसमें राजस्थान का एक किसान काले गेहूं की खेती करता दिखाई दे रहा था. ये गेहूं सामान्य गेहूं से बहुत पौष्टिक था और इसके बीज की क़ीमत 200 रुपये किलो थी.

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इस बारे में विनोद ने और रिसर्च की तो पाया कि पंजाब के National Agri-Food Biotechnology Institute की डॉ. मोनिका गर्ग ने इसकी खोज की थी. इसमें सामान्य गेहूं के मुकाबले 60 फ़ीसदी अधिक आयरन की मात्रा है. साथ ही इसमें प्रोटीन और स्टार्च जैसे दूसरे पोषक तत्व भी मौजूद हैं. ये शुगर फ़्री भी है और इसमें ज़िंक की मात्रा भी अधिक है.

इसलिए सामान्य गेहूं की तुलना में काला गेहूं एक हेल्दी ऑप्शन है. यही कारण है कि इसकी डिमांड भी अधिक है. विनोद ने एक्सपेरिमेंट के तौर पर राजस्थान के किसान से 200 रुपये किलो के हिसाब से 500 किलो काले गेहूं के बीज मंगवाए.

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इसे उन्होंने 8 एकड़ ज़मीन में लगाया और 2000 किलो काला गेहूं तैयार किया. उनके काले गेहूं के अधिक पौष्टिक होने की बात लोगों तक पहुंची, तो इसकी डिमांड तेज़ी होने लगी. विनोद के पास अब यूपी, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तराखंड से ऑर्डर आ रहे हैं. अब वो इससे ख़ूब कमाई कर रहे हैं. 

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