हर माता-पिता के लिए उनके बच्चों की ख़ुशी उनकी सबसे बड़ी ख़ुशी होती है. वो हमेशा यही महसूस करते हैं उनके बच्चे उनसे बेहतर बनें. मां-बाप का हर त्याग बच्चों के सपनों को ऊंचीं उड़ान देने के लिए होता है.
पेरेंट्स तमाम मुश्किलों का सामना करके भी अपने बच्चों की बेहतरी के लिए ही सोचते हैं. हम अपने पेरेंट्स के त्याग और बलिदान को तब तक महसूस नहीं कर पाते जब हम ख़ुद पेरेंट्स नहीं बन जाते.
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आज हम पिता और बेटी की ऐसी ही एक ख़ूबसूरत कहानी आपके साथ भी शेयर करने जा रहे हैं. ये कहानी एक पिता के बारे में है जो शिक्षा के प्रति अपने जुनून को पूरा करने के लिए उसी कॉलेज में दाखिला ले रहा है जिसमें उसकी बेटी पढ़ाई कर रही है.
इस बेटी ने Humans of Bombay के साथ अपनी ये ख़ूबसूरत कहानी शेयर की है.
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‘मेरे पिता को हमेशा से ही कानून की दुनिया में दिलचस्पी थी. उन्हें कोर्ट, कोर्ट के मामलों और कोर्ट रूम की सुनवाई से बेहद प्यार था. वो बचपन से ही कानून की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वो पढ़ पाएं. इसलिए वो एक फ़र्म में कंसलटेंट की नौकरी करने लगे.
पापा तो ज़्यादा नहीं पढ़ पाए लेकिन अपनी नौकरी की ख़ातिर वो दिन रात लगे रहते थे ताकि हम सभी भाई बहन अच्छी शिक्षा पा सकें. मेरे पिता के त्याग की वजह से ही आज मेरी बहन डॉक्टर बन चुकी है जबकि मैं और मेरा भाई इस समय कानून की पढ़ाई कर रहे हैं.
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जब मैंने कानून की पढ़ाई शुरू की थी तो मेरे पिता हर छोटी सी छोटी चीज़ के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते थे. वो हमेशा मुझसे मेरे सब्जेक्ट और क्लासेज़ के बारे में पूछते रहते थे. उस वक़्त हमें अहसास हुआ कि मेरे पिता के पास अब भी वक़्त है कि वो अपने सपने को पूरा कर सकते हैं. वो कानून की पढ़ाई के लिए कॉलेज जा सकते हैं.
आप शायद विश्वास नहीं करेंगे आज वो मेरे ही कॉलेज से क़ानून की पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन एक अजीब बात ये है कि कॉलेज में वो मेरे जूनियर हैं. हम कॉलेज में ख़ूब मस्ती करते हैं. हम अपने प्रोफ़ेसर्स, क्लासमेट से भी खूब बातें करते हैं और असाइन्मेंट को लेकर भी डिस्कस करते रहते हैं. यहां तक कि ब्रेक के वक़्त भी पापा मेरे फ़्रेंड्स के साथ ही बैठे रहते हैं. फ़्रेंड्स को भी पापा की कंपनी ख़ूब रास आती है.
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जब कभी मैं अपने फ़्रेंड्स के साथ बैठी होती हूं और पापा आते हैं तो वो मेरे साथ बैठने से इंकार कर देते हैं. वो मुझसे कहते हैं कि अपने फ़्रेंड्स के साथ ही बैठो और एंजॉय करो. वो मेरी फ़ीलिंग को समझते हैं ये मुझे काफ़ी अच्छा लगता है.
मैं पापा के लिए ख़ुश हूं कि वो अपने सपने को पूरा कर पा रहे हैं. मुझसे रहा नहीं जा रहा है जब हम साथ में लॉ की प्रैक्टिस करेंगे. मुझे उम्मीद है कि मैं उनके सपने को पूरा करूंगी और वो मेरे सपने को. आने वाला समय हम दोनों के बेहद शानदार होने वाला है.
इस बेटी ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए वो किया जो हर किसी को अपने पेरेंट्स के लिए करना चाहिए.