करवा चौथ पर व्रत करना या न करना ये आपका निर्णय है. न ही व्रत रखने वालों का मज़ाक बनाना सही है और ना ही व्रत न रखने वालों से ‘विदेशी संस्कृति का असर है’, ‘फ़ैमिली ने कुछ सिखाया नहीं’, ‘करना पड़ेगा’ ये सब कहना ज़रूरी है. करवा चौथ पर पत्नी (और कुछ पति) निर्जला व्रत रखते हैं और चांद देखकर ही व्रत तोड़ते हैं. लोगों से पूछने पर पता चलता है कि बॉलीवुड की फ़िल्मों ने कुछ ज़्यादा ही मिर्च-मसाला डालकर दिखाया इस व्रत को, तो बेहतर होगा आस-पड़ोस में किसी से जानकारी ले लें.
1. पति-पत्नी वाले Jokes शेयर करना बंद करें

Social Media हो या दोस्त या दफ़्तर के कर्मचारी, हर जगह ऐसे जोक्स चलते हैं. आप कोशिश कर सकते हैं कि न ऐसे जोक्स फ़ोरवर्ड करेंगे और न ही ऐसी बातों का हिस्सा बनेंगे.
2. जब वो रसोई में ख़ुद को तपा रही हो तो उसकी मदद करें

जब जो फ़रमाइश करते हैं वो बना-बनाया थाली में सजाकर मिल जाता है. क्या आपका फ़र्ज़ नहीं बनता कि उन व्यंजनों को बनाने में ज़रा सा हाथ बंटा दें?
3. उसे ‘हाउसवाइफ़’ होने के लिए ताने न मारें

हाउसवाइफ़ को क्या-क्या काम करना पड़ता है, वो वही समझ सकता है जो एक दिन ये काम संभाले. उस पर इस काम की कोई पगार भी नहीं मिलती. तो अगर आपकी पार्टनर होममेकर हैं तो उसे इसके लिए ताने न मारें. याद रखिए, ये उसकी मजबूरी नहीं चॉइस थी.
4. अपने परिवारवालों, दोस्तों के सामने उसकी बेइज़्ज़ती न करें

वो आपकी साथी है कोई चलती-फिरती जोक नहीं. अगर उसका मज़ाक उड़ाना भी है तो अकेले में उड़ाएं, सबके सामने उसका मज़ाक बनाकर सबके साथ हंसना समझदारी नहीं है. और अगर ऐसा करना भी है तो ये दोतरफ़ा होना चाहिए, एकतरफ़ा नहीं.
5. बच्चों को संभालने की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ उसकी नहीं है, इसमें सहयोग करें

आप दोनों ने मिलकर बच्चे को जन्म दिया था. तो फिर उसके पालन-पोषण की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ उसकी क्यों? बच्चे को मां और पिता दोनों का स्नेह बराबर मिलना चाहिए.
6. अपनी मर्ज़ी की नौकरी करने की छूट दें

घर तो अच्छे से चलेगा ही साथ ही आपके पार्टनर को भी आत्मनिर्भरता का एहसास होगा. और ये बेहद ज़रूरी है.
7. अगर वो आगे पढ़ना चाहें तो उसे अपना Support दें

तो क्या हो गया अगर उसके पास आपसे ज़्यादा डिग्रियां हो गईं. उसकी कोई भी इच्छा अगर जायज़ हो तो वो पूरी हो ये सुनिश्चित करिए.
8. उससे ये न कहें, ‘तुम औरत हो तुमसे नहीं होगा’

इस वाक्य तो दुनिया से उठ जाना ही बेहतर है. ख़ैर, उसमें सदियां लगेंगी, तो क्यों न घर से शुरुआत करते हैं? अगर उसने इच्छा ज़ाहिर की है तो उसे अंदाज़ा होगा न कि वो कर सकती है या नहीं. इसमें जेंडर कहां से आया? साधारण सी बात है समझ लीजिए.
9. उसकी राय को एहमियत दें और अनसुनी करने की कम से कम कोशिश करें

अपनी समस्याएं उससे शेयर करें. उसे एक दोस्त की तरह ही समझें, हो सकता है कोई हिदायत काम आ जाए?
10. उसे ये एहसास न दिलाएं कि वो ‘आपके घर में रहती है’

आपके मकान को घर उसी ने बनाया है. तो लड़ाई होने पर या यूं ही ये वाक्य न कहें.